बिहार: अविभाजित बिहार के 950 करोड़ रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू यादव दोषी करार दिए गए हैं। रांची की सीबीआई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ के ग़बन के मामले में उन्हें दोषी करार दिया है।
आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी सीबीआइ कोर्ट ने दोषी पाया है। वहीं इस मामले में 24 अभियुक्तर बरी कर दिए गए हैं। इनमें राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद शामिल हैं।
मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं। लालू प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ. के एम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं। लालू यादव समेत सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ जाँच एजेन्सी ने 2001 में चार्जशीट दायर किया था और 2005 में चार्ज फ़्रेम किया गया था।
950 करोड़ रुपये का यह घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में धोखाधड़ी कर सरकारी खजाने से सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है। राजद सुप्रीमो को चारा घोटाला मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है और कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्हें दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े चार मामलों में जमानत मिल गई है।
सीबीआई के वकील ने कहा, लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया है। सजा 21 फरवरी को सुनाई जाएगी। विशेष सीबीआई के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत ने प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी।
फैसले के वक्त कोर्ट में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित सभी 99 आरोपी मौजूद रहे। झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाये गये थे। चार मुकदमों में पहले ही फैसला आ चुका है और इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।
इसके पहले चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा हुई, जबकि एक करोड़ रुपए का जुमार्ना भी उन्हें भरना पड़ा। इन मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार जेल जाना पड़ा। इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है। चारा घोटाले का सबसे पहला मुकदमा चाईबासा के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे के आदेश पर दर्ज हुआ था। चाईबासा में कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये की निकासी के इस मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे। इसमें लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा हुई और इसके साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। दूसरा मामला देवघर स्थित ट्रेजरी से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का था।#
———-इंण्डिया न्यूज़ स्ट्रीम