बगदाद : इराक में मौलवी मुक्तदा अल-सदर के राजनीति छोड़ने के फैसले से उनके समर्थकों में इतनी नाराजगी बढ़ गई कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन और सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया। बगदाद के ग्रीन जोन में हिंसा हुई, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। एक चिकित्सा स्रोत के हवाले से डीपीए समाचार एजेंसी ने बताया कि हिंसा में कम से कम 160 लोग घायल हुए हैं।
समर्थकों ने उस गवर्नमेंट पैलेस पर कब्जा कर लिया, जहां पर पीएम का कार्यालय, दूसरी सरकारी इमारतें और दूतावास है। महल के अंदर दाखिल हुए समर्थकों को बाहर निकालने के लिए गोलियां चलाईं और आंसूगैस के गोले छोड़े।
मौलवी अल-सदर ने सोमवार को घोषणा की, कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं। धार्मिक को छोड़कर अपने कार्यालयों और संस्थानों को बंद कर रहे हैं।
उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा, “मैं (राजनीति से) सेवानिवृत्ति की घोषणा करता हूं। अगर मैं मर जाऊं या मारा जाऊं, तो मैं आप मेरे लिए प्रार्थना करना।”
इस घोषणा के बाद उनके समर्थक ग्रीन जोन में चले गए और भारी सुरक्षा होने के बावजूद जमकर प्रदर्शन किया। इनमें से कुछ ने अल-सद्र की तस्वीरें ली थीं। लोगों का कहना है कि लोग शासन को उखाड़ फेंकना चाहते हैं।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में सदरवादी प्रदर्शनकारियों को ‘शांतिपूर्ण’ नारे लगाते हुए गवर्नमेंट पैलेस में प्रवेश करते दिखाया गया है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी महल के हॉल और कार्यालयों से घूम रहे हैं, वहां के पूल में स्विमिंग कर रहे हैं।
हिंसा को देखते हुए देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया है।
अल-सदर राजनीतिक परिदृश्य में प्रभावशाली है। उन्होंने कोई राजनीतिक पद नहीं संभाला है, लेकिन उनके साथ जुड़े सदरिस्ट ब्लॉक ने पिछले साल के चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें जीतीं। हालांकि, उनके पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत का अभाव था।
चूंकि राजनीतिक ताकतें संसदीय चुनावों के बाद से 10 महीने से अधिक समय में नई सरकार बनाने या राष्ट्रपति चुनने में विफल रही हैं, अल-सदर ने अपने सांसदों से संसद छोड़ने और जल्द चुनाव की मांग की।
उनके भारी संख्या में समर्थक हैं और यदि प्रतिद्वंद्वी समूह भी अपने समर्थकों से विरोध-प्रदर्शन करने का आह्वान करते हैं, तो देश भर में घातक हिंसा देखने को मिल सकती है।
सोमवार शाम को, अल-सदर के एक सहयोगी ने कहा कि मौलवी ने हिंसा समाप्त होने तक भूख हड़ताल शुरू करने का फैसला किया है।
जवाब में, प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने कहा कि वह हिंसा को रोकने के लिए अल-सदर के आह्वान को महत्व देते हैं। उन्होंने हिंसा की जांच का भी आदेश दिया और सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों पर गोलियां नहीं चलाने की भी बात कही।
–आईएएनएस