उत्तर प्रदेश: वाराणसी जिला कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले में हिन्दू पक्ष के हक़ में फैसला सुनाया है। इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज कर दिया है। इसके साथ ही वाराणसी जिला कोर्ट ने कहा है की हिन्दू पक्ष की शृंगार गौरी मामले का तर्क काबिले गौर और सुनने लायक है। गौरतलब है की यह मामला कई दशकों से अदालत में विचाराधीन है।
वाराणसी जिला कोर्ट के ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष के हक़ में सुनाए फैसले के बाद हिन्दू पक्ष में ख़ुशी की लहर देखी गई। इस दौरान हिन्दू पक्ष के द्वारा वाराणसी अदालत के बाहर जयजय सिया राम और हरहर महादेव के नारे लगाए गए।
अदालत ने प्रतिवादी की अर्जी दरकिनार करते हुए सुनवाई की और ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराकर रिपोर्ट तलब कर ली। इसी दौरान अंजुमन ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिला जज की अदालत में 26 मई से सुनवाई शुरू हुई।
मसाजिद की ओर से सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 07 नियम 11 (मेरिट) के तहत केस खारिज करके लिए कई तिथियों पर दलीलें दी गईं। 24 अगस्त को दोनों पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया। इस दौरान वादी पक्ष की ओर से लिखित बहस भी दाखिल की गई है। मुस्लिम पक्ष ने कई विवरण व पत्रावली कोर्ट में दी हैं। पूर्व में हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष की ओर से केस की मेरिट संबंधी याचिका खारिज हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार मुस्लिम पक्ष वाराणसी जिला कोर्ट द्वारा हिन्दू पक्ष के हक़ में दिए गए इस फैसले से बिलकुल भी संतुष्ट नहीं है और इस फैसले को इलाहाबाद है कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है।
दौरान मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे यूपी में पुलिस अलर्ट पर है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नमर ने कल यानी 11 सितम्बमर की शाम से ही पूरे वाराणसी में धारा-144 लागू कर दी थी। सोमवार को सुबह से ही वाराणसी के चप्पे -चप्पे पर फोर्स तैनात है। बता दें कि पिछली सुनवाई पर दोनों पक्ष की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तारीख तय की थी। पिछले साल सिविल जज (सीनियर डिविजन) की कोर्ट में शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन और सौंपने सम्बंधी मांग को लेकर वादी राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने गुहार लगाई थी। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने प्रार्थनापत्र देकर वाद की पोषणीयता पर सवाल उठाया था।
ज्ञानवापी मामले में आए फैसले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं, हम ज्ञानवापी का भी सम्मान करते हैं। अगली सुनवाई में भी हमें कानून पर भरोसा है। हम कानून का सम्मान करते हैं और कानून के साथ हैं।
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा कि ये हिंदू समुदाय की जीत है। अगली सुनवाई 22 सितंबर को है। आज का दिन ज्ञानवापी मंदिर के लिए शिलान्यास का दिन है। हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। इससे पहले हिंदू पक्ष ने कहा था कि अगर फैसला उनके पक्ष में आता है तो वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण और ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की मांग करेंगे।
————– इंडिया न्यूज स्ट्रीम