नई दिल्ली । 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप बनाने से लेकर जेट इंजन बनाने तक, 10 गुना परमाणु विस्तार से लेकर 1 लाख करोड़ रुपए के युवा रोजगार प्रोत्साहन तक, उनका संदेश स्पष्ट था कि भारत अपना भाग्य स्वयं निर्धारित करेगा, अपनी शर्तें स्वयं निर्धारित करेगा और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखेगा।
79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को ‘विकसित भारत’ के प्रमुख आधारभूत सिद्धांतों में से एक बताया। इस दौरान उन्होंने रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, अंतरिक्ष और विनिर्माण के क्षेत्र में भारत की प्रगति के कई उदाहरण दिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का एक उदाहरण बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में निर्मित हथियारों समेत स्वदेशी क्षमताएं भारत को निर्णायक और स्वतंत्र रूप से कार्य करने में सक्षम बनाती हैं, जिससे यह साबित होता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा विदेशी निर्भरता पर निर्भर नहीं रह सकती। उन्होंने भारतीय नवप्रवर्तकों और युवाओं से भारत में ही जेट इंजन विकसित करने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य की रक्षा तकनीक पूरी तरह से स्वदेशी और आत्मनिर्भर हो।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत 2025 के अंत तक भारत में निर्मित सेमीकंडक्टर चिप्स लॉन्च करेगा, जो महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में देश की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। उन्होंने वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए एआई, साइबर सुरक्षा, डीप-टेक और ऑपरेटिंग सिस्टम में इनोवेशन पर जोर दिया।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उल्लेखनीय उपलब्धियों की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 300 से अधिक स्टार्टअप उपग्रहों, अन्वेषण और अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में सक्रिय रूप से इनोवेशन कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि भारत न सिर्फ अंतरिक्ष विज्ञान और अन्वेषण में भाग ले रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अग्रणी भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और किसानों के कल्याण के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 तक 50 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा हासिल करने का संकल्प लिया। अपने लोगों की प्रतिबद्धता की बदौलत यह लक्ष्य 2025 तक पूरा हो गया। उन्होंने कहा कि सौर, परमाणु, जल और हाइड्रोजन ऊर्जा को बढ़ावा दिया गया है, जो ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान में 10 नए परमाणु रिएक्टर चालू हैं। भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक, राष्ट्र का लक्ष्य अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना बढ़ाना, ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत करना और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऊर्जा, उद्योग और रक्षा के लिए जरूरी संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए भारत ने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन शुरू किया है, जिसके अंतर्गत 1,200 स्थलों की खोज की जा रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन खनिजों पर नियंत्रण से रणनीतिक स्वायत्तता मजबूत होती है और भारत के औद्योगिक व रक्षा क्षेत्र आत्मनिर्भर बने रहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को सशक्त बनाने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की रक्षा के लिए घरेलू स्तर पर उर्वरकों के उत्पादन की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से भारत के अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और डिजिटल बुनियादी ढांचे को विकसित करने का आह्वान किया, जिससे संचार, डेटा और तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित और स्वतंत्र बने रहें और भारत की डिजिटल स्वायत्तता को मजबूत किया जा सके।
अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन ‘सुदर्शन चक्र’ की शुरुआत की घोषणा की, जिसका उद्देश्य दुश्मन की रक्षा घुसपैठ को बेअसर करना और भारत की आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाना है। उन्होंने नागरिकों और दुकानदारों से “वोकल फॉर लोकल” पहल के तहत भारत में निर्मित वस्तुओं का समर्थन करने का आग्रह किया।
इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने मेडिकल और इनोवेशन में आत्मनिर्भरता और ‘नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन’ जैसे मिशन का भी उदाहरण दिया।
–आईएएनएस