नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव को टाले जाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार व चुनाव आयोग को कठघरें में खड़ा किया है। पंजाब में भारी बहुमत से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद एमसीडी चुनाव मुद्दे पर पर केंद्र सरकार को घेरा है। संवाद्दाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अन्य पार्टियों से बिना बात किए राज्य चुनाव आयोग को सीधे पत्र लिखना और चुनाव टालने को कहना बिल्कुल गलत व लोकतंत्र के खिलाफ है।
दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने थे जिसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने 9 मार्च को सुबह एक प्रेस इनवाइट जारी किया था शाम 5.00 बजे तक आयोग चुनाव की तारीखों का एलान करेगा। उसी शाम एक घंटे पहले शाम चार बजे केंद्र ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों निगमों को एक
केजरीवाल बोले कि, आज कहा जा रहा है कि निगम को एक करने के लिए चुनाव टाले जा रहे हैं। कल को अगर लोकसभा के चुनाव होने होंगे और ये कहने लगें कि ये पार्लियामेंट सिस्टम अच्छा नहीं है, हमें प्रेसिडेंशियल सिस्टम लागू करना है चुनाव टाल दो क्या चुनाव टाल दिए जाएंगे? मुझे नहीं पता कि राज्य चुनाव आयोग ने किस दबाव, किस धमकी ईडी, सीबीआई किसके डर से चुनाव टाला। या वो अप्रैल में रिटायर हो रहे हैं तो उन्हें कोई पोस्ट रिटायरमेंट कोई लालच दिया गया है, मुझे नहीं पता कि क्या दिया गया है लेकिन वो तुरंत एक घंटे के अंदर चुनाव टालने के लिए तैयार हो गए।
उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त से कहा कि आप डरिए मत, जो भी सच है, बता दीजिए, पूरा देश आपके साथ है। कहा, कि तीनों निगमों को एक करने का फैसला भाजपा ने अपने सात आठ साल के कार्यकाल में अभी तक क्यों नहीं लिया, एकाएक क्या हो गया। उन्होंने कहा कि शायद इसीलिए क्योंकि केंद्र सरकार को लग रहा है कि अभी आम आदमी पार्टी की लहर है, भाजपा बुरी तरह से हार जाएगी। तीनों निगमों को एक करने का चुनाव टालने से कोई कनेक्शन नहीं, ऐसा तो चुनाव होने के बाद भी संभव है।