मुंबई : मेगास्टार अमिताभ बच्चन हर हफ्ते अपने प्रशंसकों से मिलने के लिए अपने घर से बाहर आते हैं। इस बार उनके साथ उनके बेटे अभिषेक बच्चन को भी देखा गया।
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में प्रशंसकों के साथ मुलाकात की कई तस्वीरें साझा कीं। तस्वीर में अभिनेता अपने बेटे के साथ गेट की ओर जाते हुए नजर आ रहे हैं। एक अन्य तस्वीर में उनकी पीठ कैमरे की ओर है और वे गेट के बाहर खड़े प्रशंसकों का अभिवादन कर रहे हैं।
तीसरी तस्वीर में अमिताभ और अभिषेक अपने प्रशंसकों का हाथ जोड़कर नमस्ते करते दिख रहे हैं।
सिने आइकन ने अपने ब्लॉग पर लिखा, “पिता पुत्र एक साथ खड़े हैं, मैं किसे नमस्कार करूं। जीवन दाता तो बाबूजी थे, प्रार्थना में उन्हें साष्टांग प्रणाम।”
उन्होंने आगे कहा, ”जीवन में जानने और देखने के लिए बहुत कुछ है। हर पल विशाल आयामों से सीख मिलती है। धर्मी और अच्छे लोगों की हमेशा जीत होती है और अच्छे लोगों के बीच उन्हें आशीर्वाद मिलता है। परन्तु अधर्मी भी प्रबल होते हैं, और अक्सर कुछ समय के लिए मूल्यवान माने जाते हैं, हालांकि हमेशा के लिए कभी नहीं।
अमिताभ ने अपनी 1990 की फिल्म ‘अग्निपथ’ के बारे में भी बात की, जिसका निर्देशन मुकुल आनंद ने किया था। यह फिल्म एक युवा लड़के की बदला लेने की चाहत के इर्द-गिर्द घूमती है, जो उसे एक वयस्क के रूप में एक गैंगस्टर बनने की ओर ले जाती है।
अभिनेता ने थाने में पुलिस प्रमुख के सामने बैठकर अपनी फिल्म ‘अग्निपथ’ से विजय दीनानाथ चौहान की प्रसिद्ध पंक्तियों में से एक लिखी।
“ये दुनिया बहुत बिगड़ी़ हुुई है गायतोंडे साहब; इस दुनिया में बिगड़ा हुआ रहना बहुत जरूरी है, जो सुधर गया वो गया, ऊपर।”
विजय जिस तरह का अवैध जीवन जीता है, उसे उचित ठहराते हुए उन्होंने लिखा, यह जरूरी है कि वह अधर्मी जीवन जिए। यही फिल्म का कैरेक्टर है। उसने अपने परिवार के खिलाफ इतनी कृतघ्नता, कलह और बुराई का सामना किया है। उसे कड़वा बना दिया, जीवन अजीब है। यह अस्तित्व के विभिन्न रूपों में कई पात्रों को समायोजित करता है।
“बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होगी। यही सिनेमा का काव्यात्मक न्याय है, और वह भी 3 घंटे के भीतर।”
अमिताभ ने आगे कहा, “लेकिन अच्छाई हमेशा अस्तित्व में रहेगी और मजबूत और शक्ति के साथ चरम पर होगी, चाहे कुछ भी हो, इसमें समय लगता है, लेकिन यह आती है। निरंतर और धैर्यवान बनें, आप कभी असफल नहीं होंगे।”
आईएएनएस