अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के शिक्षा मॉडल को दुनिया भर में लोकप्रियता मिल रही है| भारत के पड़ोसी देश अपनी शिक्षा प्रणालियों के विकास के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों से सीखने-सीखाने के सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने में गहरी रुचि दिखा रहे हैं। उसी श्रृंखला में, नेपाल के लुंबिनी के तिलोत्तमा नगरपालिका से स्कूल प्रधानाचार्यों, उप प्रधानाचार्यों और शिक्षकों का एक 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली सरकार के स्कूलों के 3 दिवसीय दौरे पर है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने उनसे बातचीत की और दौरे के दूसरे दिन दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देखने के लिए उनका स्वागत किया|
अपने दौरे के पहले दिन प्रतिनिधिमंडल ने केजरीवाल सरकार के दो स्कूलों का दौरा किया तथा छात्रों और शिक्षकों से बातचीत की| उन्होंने केजरीवाल सरकार के माइंडसेट पाठ्यक्रमों की अवधारणा को समझने के लिए हैप्पीनेस करिकुलम, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम और देशभक्ति करिकुलम की कक्षाओं में भी भाग लिया और यह समझा कि कैसे केजरीवाल सरकार के यह पाठ्यक्रम बच्चों के सर्वांगीन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
प्रतिनिधि मंडल के साथ बातचीत करते हुए, सिसोदिया ने कहा कि, “दिल्ली का शिक्षा मॉडल दिल्ली के लोगों के प्रयासों के कारण ही इतना शानदार बना है,दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को पर विश्वास दिखाया और इसी विश्वास के दम पर केजरीवाल जी ने सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र में क्रांति ला दी। उन्होंने कहा कि एक सरकार के रूप में, हमारा उद्देश्य एक शिक्षित राष्ट्र की स्थापना करना है जो गरीबी, बेरोजगारी और असमानता के मुद्दों से कुशलता से निपट सके। इन सभी मुद्दों का समाधान केवल शिक्षा है।” उन्होंने कहा कि, स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार और नए पाठ्यक्रम शुरू करके, हमारा उद्देश्य छात्रों को नए अवसर प्रदान करना और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सीखने और बढ़ने में मदद करना है। सरकार के इस लक्ष्य को उन शिक्षकों के प्रयासों से सफलतापूर्वक प्राप्त किया जा रहा है जिन्हें सरकार द्वारा उनके प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए वैश्विक स्तर पर ट्रेनिग दी गई।
सिसोदिया ने कहा कि हमारे बच्चे अब चुनौतियों का सामना करना सीख रहे हैं और उनका समाधान खोजने का लक्ष्य बना रहे हैं। जब छात्र अपने समाज और उसकी चुनौतियों के बारे में सीखते हैं तो स्कूलों में बिताया गया समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक सरकार के तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका सही तरीके से मार्गदर्शन करें। उन्होंने ने कहा कि, “दिल्ली शिक्षा मॉडल में ये बदलाव हमारी नीतियों पर छात्रों और शिक्षकों से फीडबैक लेने और उन्हें सुधार के लिए नीतियों में शामिल करने के हमारे नियमित अभ्यास के कारण संभव हुए हैं।”
यात्रा के अपने उद्देश्य को साझा करते हुए, एक शिक्षाविद और प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य श्याम लाल खरेल ने कहा, “हम सरकारी स्कूलों में बदलाव लाने के लिए कई पहल शुरू कर रहे हैं। अपने स्कूलों में शिक्षा के सर्वोत्तम प्रथाओं को खोजने के लिए दिल्ली शिक्षा मॉडल को देखना हमारी पहली प्राथमिकता थी| उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल से सीखने और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए दिल्ली सरकार के फ्लैगशिप पाठ्यक्रमों की जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन प्रक्रिया को समझने की हमारी उत्सुकता है, जो हमें यहां लेकर आई है।” उन्होंने आगे कहा कि वे यह देखकर चकित थे कि कैसे मौजूदा शिक्षकों को स्कूलों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए इतनी अच्छी तरह प्रशिक्षित किया गया है।
————– इंडिया न्यूज स्ट्रीम