झारखंड में पूर्व बीजेपी विधायक पर नक्सलियों ने हमला किया जिसमें बाल-बाल उनकी जान बच गई है। मनोहरपुर के पूर्व विधायक और वरिष्ठ बीजेपी नेता गुरुचरण नायक पर नक्सलियों ने घात लगाकर यह जानलेवा हमला किया। गुरुणचरण नायक बाल-बाल बच गये, पर उनके दो बॉडीगार्ड शहीद हो गये। शहीदों में शंकर नायक व ठाकुर हेम्ब्रम शामिल हैं। एक बॉडीगार्ड जो घटना में पूर्व विधायक के साथ बच निकला, वह घाटशिला निवासी राम कुमार टुडू है।
तीनों झारखंड पुलिस के हैं। हत्या से पूर्व नक्सलियों ने तीनों बॉडीगार्ड की बंदूक के बट से पिटाई की और उनके हथियार लूटकर चलते बने। वारदात गुरुचरण के घर से महज दो किमी पर हुई। झीलरुआं मैदान पूर्व विधायक गुरुचरण नायक के सोनुवा थाना क्षेत्र के टुनियां स्थित आवास से महज दो किमी दूर है। खबरों के अनुसार पूर्व विधायक सोनुवा थाना लौट रहे हैं।
घटना के बाद वो किसी तरह जान बचाकर वहां से भाग निकलने में सफल रहे। गुरुचरण नायक फिलहाल सोनुआ थाना में सुरक्षित हैं जहां उन्होंने थाना प्रभारी को घटना की पूरी जानकारी दी।विधायक पर नक्सली हमले की खबर से जिला पुलिस में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा ने कहा कि पुलिस बलों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है।
जानकारी के अनुसार, झीलरुवां विद्यालय परिसर में हर साल खेलकूद प्रतियोगिता होती है। पूर्व विधायक बतौर अतिथि आमंत्रित थे। वहां पहुंचने के बाद फुटबॉल मैच चल रहा था। इसी दौरान करीब 100 की संख्या में हथियारबंद नक्सली पहुंच गये़। पूर्व विधायक के तीनों बॉडीगार्ड से 5- 5 नक्सली उलझ गये। धक्का- मुक्की करते हुए मारपीट शुरू कर दी। नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। इससे वहां भगदड़ मच गयी।
पूर्व विधायक गुरुचरण नायक ने बताया कि हर साल झीलरुवां के प्रोजेक्ट हाइस्कूल के स्थापना दिवस पर मैं जाता हूं। आयोजकों को कहा था कि शाम 4 बजे तक कार्यक्रम खत्म कर देना है। कार्यक्रम जल्दी खत्म कर दिया गया था, लेकिन पुरस्कार बांटने में शाम 5 बजे गया। मैं गाड़ी में बैठने वाला ही था कि 15 -20 नक्सली वहां पहुंच गये। मेरे बॉडीगार्ड को घेर कर पटक दिया। जमीन पर गिराकर चाकू से गला रेतकर मार डाला। वहीं, राम कुमार टुटू ने दोनों बॉडीगार्ड को बचाने के लिये नक्सलियों से भिड़ गया था। उसे भी मारपीट कर घायल कर दिया गया। पूरी घटना मेरी आंखों के सामने हुई। मैं जान बचाने के लिये मैदान में भीड़ में घुस गया। वहीं, अंधेरा होने के बाद धीरे- धीरे पैदल चलकर घर पहुंच गया। वहां से गाड़ी से थाना पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी।
महज एक माह में तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर माओवादियों ने पुलिस को खुली चुनौती दे डाली है। दिसंबर माह के 23 तारीख को एसपीओ करार देकर प्रेम सुरीन की हत्या नक्सलियों ने की थी। वहीं, 28 दिसंबर, 2021 को बोयराम लुगुन की हत्या के बाद एक बड़ी घटना झिलरूवां स्कूल मैदान में मंगलवार को घटी।
——— इंडिया न्यूज़ स्ट्रीम