नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बीच बचाव और राहत कार्यों के दौरान सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के दो अधिकारियों की जान चली गई है। राज्य में राहत एवं बचाव अभियान के दौरान बीआरओ ने एक इंजीनियर और एक परियोजना अधिकारी को खो दिया है।
लाहौल और स्पीति घाटी में, रणनीतिक मनाली-सरचू मार्ग कई स्थानों पर कई भूस्खलन के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। बीआरओ ने एक बयान में कहा, “बचाव और सड़क साफ करने के अभियान के लिए कर्मियों और उपकरणों के साथ तुरंत अपने प्रशिक्षित इंजीनियरिंग टास्क फोर्स को भेजा है।”
29 जुलाई को मनाली लेह रोड पर बारालाचला र्दे से पहले सरचू के पास ऐसे ही एक हिस्से में महिलाओं और बच्चों सहित कई नागरिक फंसे हुए थे और ऊंचाई वाली परिस्थितियों में ऑक्सीजन की कमी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
बीआरओ टीम ने 14,480 फीट की ऊंचाई पर स्थित केनलुंग सराय के पास कई अन्य भूस्खलनों के बीच सड़क को साफ किया और लोगों को बचाया गया है।
हालांकि, बचाव प्रयासों में शामिल दीपक प्रोजेक्ट के नायक रीतेश कुमार पाल की जान चली गई। बाद में सड़क को यातायात के लिए खोल दिया गया।
27 जुलाई, 2021 को एक अन्य घटना में, भारी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध किलर-टांडी सड़क की निकासी के लिए बीआरओ के एक अलग इंजीनियर टास्क फोर्स को तैनात किया गया है। क्षेत्र में दो यात्री वाहन फंसे हुए हैं।
टीम ने पहले ही रास्ते में दो भूस्खलन को साफ कर दिया था, टीम ने स्लाइड जोन में फंसे नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए देर रात निकासी अभियान चलाया।
ऑपरेशन के दौरान, टीम के कुछ सदस्य, छह नागरिक और एक वाहन अचानक आई बाढ़ में बह गए। घटना में कनिष्ठ अभियंता राहुल कुमार की मौत हो गई, जबकि अन्य को बीआरओ कर्मियों ने बचा लिया।
बाद में बीआरओ कर्मियों ने भूस्खलन को साफ किया, फंसे हुए यात्रियों को बचाया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
–आईएएनएस