वाराणसी, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| वाराणसी जल्द ही सार्वजनिक परिवहन में रोपवे सेवाओं का उपयोग करने वाला पहला भारतीय शहर बन जाएगा। कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) और गोदौलिया के बीच करीब 220 केबल कार उपलब्ध होंगी।
रोपवे सेवा के 400 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव की अंतिम प्रस्तुति हाल ही में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत एक मान्यता प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम वैपकोस लिमिटेड की टीम द्वारा दी गई थी।
संभागीय आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि वैपकोस द्वारा रोपवे सेवा के पायलट चरण पर अंतिम प्रस्तुति सरकार को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की गई है।
परियोजना को सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड पर क्रियान्वित किया जाएगा।
परियोजना का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि पांच किमी क्षेत्र में रोपवे सेवा 220 केबल कारों से शुरू होगी। प्रत्येक केबल कार में 10 सीटें होंगी। ये कारें 90 सेकंड के अंतराल में आगे बढ़ेंगी। अंतिम संरेखण के अनुसार, मुख्य टर्मिनस कैंट रेलवे स्टेशन पर होगा जबकि अन्य स्टेशन साजन, रथयात्रा और गिरजाघर (गोडोवलिया) क्रॉसिंग पर होंगे। कैंट रेलवे स्टेशन और साजन क्रॉसिंग के बीच एक टनिर्ंग लाइन बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि रोपवे सेवाओं के पायलट चरण के चार स्टेशन 11 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर होंगे, साथ ही प्रत्येक स्टेशन एस्केलेटर से लैस होगा।
एजेंसी ने रोपवे लाइनों के संरेखण को अंतिम रूप देते हुए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि न्यूनतम भवन इसके अंतर्गत आ रहे हैं।
आयुक्त ने कहा कि इसके तहत सिर्फ 29 भवन आ रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, शहरी विकास मंत्रालय द्वारा सैद्धांतिक रूप से एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम) के तहत परिवहन के इस तरीके के साथ आगे बढ़ने के संकेत के बाद, काशी में रोपवे की शुरूआत के लिए डब्ल्यूएपीसीओएस को शामिल किया गया है।
जून 2018 में शहर के लिए मेट्रो रेल योजना की अस्वीकृति के बाद रोपवे को एमआरटीएस के घटकों में से एक के रूप में चुना गया है।
वाराणसी विकास प्राधिकरण ने रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) को शहर के लिए व्यवहार्य परिवहन के विभिन्न साधनों को शामिल करके एक प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है।
–आईएएनएस