पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले ही सूबे की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में टिकट बंटवारे को लेकर टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी में तकरार की खबर सामने आ रही है। तृणमूल कांग्रेस के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं में आपसी तकरार पैदा होने से अंतर्कलह बढ़ती जा रही है।
टीएमसी के कई नेताओं ने यह बात मानी की सूबे के 108 नगर निकायों के चुनाव होने वाले हैं, जिनमें टिकट बंटवारे को लेकर दोनों नेताओं के बीच मतभेद हैं। अभिषेक बनर्जी को टीएमसी में ममता बनर्जी के बाद नंबर दो की पोजिशन पर देखा जाता है। यही नहीं गोवा, त्रिपुरा जैसे राज्यों में टीएमसी के पैर पसारने और चुनाव लड़ने के फैसलों के पीछे उनकी ही राय मानी जाती है। निकाय चुनाव के लिए टीएमसी की ओर से कुल 2200 उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है, जिनमें से 150 को लेकर दोनों नेताओं के बीच मतभेद उभर आए हैं।
राज्य के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि यह पार्टी का ‘आंतरिक मामला’ है और सभी मतभेद जल्द सुलझा लिए जाएंगे। उत्तर चौबीस परगना के कमरहाटी में भारतीय राष्ट्रीय तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने दिन के दौरान कई ऑटो और बसों को चलने से रोक दिया। कार्यकर्ताओं ने लोगों को भी उम्मीदवारों की सूची के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया।
टीएमसी के नेताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा गरमा सकता है। फिलहाल ममता बनर्जी या फिर अभिषेक ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ममता बनर्जी ने 27 जनवरी को पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को संबोधित करते हुए नेताओं को लिमिट में रहने के संकेत भी दिए थे। ममता बनर्जी ने कहा था, ‘बीते कुछ सालों में जो लोग नेता बने हैं, उन्हें तानाशाही पूर्ण फैसलों से बचना चाहिए। कोई भी संगठन से ऊपर नहीं है। हमने बहुत कष्टों के साथ इसे खड़ा किया है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि तृणमूल की कोई विचारधारा नहीं है और उसके सदस्यों में एकता नहीं है। भगवा पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टी में, यह लूट की लड़ाई है। भाजपा के विपरीत तृणमूल कांग्रेस की कोई विचारधारा नहीं है। हाकिम ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा को परेशान होने की जरूरत नहीं है और उसे इस पर ध्यान देना चाहिए कि उसके खेमे में क्या चल रहा है।
——— इंडिया न्यूज़ स्ट्रीम