नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने शुक्रवार को उच्च इन्वेंट्री लाभ और बेहतर पेट्रोकेमिकल मार्जिन के कारण अपनी पहली तिमाही के स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ में तीन गुना से अधिक की वृद्धि के साथ 5,941 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में केवल 1,911 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण बड़े इन्वेंट्री नुकसान हुए थे।
वित्तीय वर्ष 22 की पहली तिमाही में इंडियनऑयल के संचालन से राजस्व 1,55,056 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2015 की इसी तिमाही में यह 88,939 करोड़ रुपये था।
कंपनी की वित्तीय स्थिति पेश करते हुए, इंडियनऑयल के अध्यक्ष, एसएम वैद्य ने कहा, इंडियनऑयल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के दौरान निर्यात सहित 20,325 मिलियन टन उत्पाद बेचे। 2021-22 की पहली तिमाही के लिए हमारा रिफाइनिंग थ्रूपुट 16.719 मिलियन टन है और इसी अवधि के दौरान निगम के देशव्यापी पाइपलाइन नेटवर्क का थ्रूपुट 19.875 मिलियन टन है।
वर्ष की पहली तिमाही के दौरान सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यूएस डॉलर (1.98) प्रति बैरल की तुलना में 6.58 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहा है।
वैद्य ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद तेल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है और डीजल की बिक्री इस साल दिवाली तक पूर्व-कोविड स्तर पर लौट सकती है, जबकि रिफाइनरी एक और तिमाही में 100 प्रतिशत के स्तर तक बढ़ सकती है।
–आईएएनएस