लखीमपुर खीरी : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्यण राज्यमंत्री शोभा करांदलाजे ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर बना सकता है। कृषि राज्यमंत्री सुश्री करांदलाजे यहां महेवागंज स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के दौरे के दौरान खेतों में सरसों की लहलहाती फसलों का अवलोकन करने के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सरसों भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहनी फसलों में शुमार है और उत्तर प्रदेश में सरकार की ओर से इसकी खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिससे आने वाले दिनों में इसकी पैदावार बढने की काफी संभावना है।
देश में सरसों के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल सरसों की खेती में किसानों ने खूब दिलचस्पी दिखाई है और इसकी बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 21.76 फीसदी बढ़कर 9.85 लाख हेक्टेयर हो गया है।
केवीके अधिकारियों के साथ सरसों के खेत का दौरा करने पहुंचीं केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने कहा, ’’उत्तर प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने में सरसों की खेती एक उपयुक्त विकल्प है। साथ ही, यूपी में खाद्य तेलों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की क्षमता है।’’
केंद्र सरकार मिशन मोड में तिलहनों की खेती को बढ़ावा दे रही है जिससे खाद्य तेल आयात पर देश की निर्भरता कम की जा सके।
चालू रबी सीजन में देश के किसानों ने भी तिलहनों की खेती में गहरी अभिरुचि दिखाई है जिसकी एक वजह सरसों और इसके तेल व खल समेत अन्य तेल-तिलहनों के दाम में आई जोरदार तेजी भी है। तेल-तिलहन बाजार के जानकार बताते हैं कि कोरोना काल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में आई तेजी के चलते भारत में सरसों के दाम में रिकाॅर्ड उछाल आया जिससे किसानों को अच्छे भाव मिलने की उम्मीद जगी है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से इस सप्ताह जारी बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में सरसों की बुवाई 89.71 लाख हेक्टेयर हो चुकी है जोकि पिछले साल के मुकाबले 23.24 फीसदी अधिक है। राजस्थान में सबसे ज्यादा 33.87 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है जबकि मध्यप्रदेश 11.53 लाख हेक्टेयर के साथ दूसरे स्थान पर है।
कर्नाटक के उडुपी चिकमंगलूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद शोभा करांदलाजे उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनाव सहप्रभारी हैं। चार दिनों से लखीमपुर खेरी इलाके का दौरा कर रहीं करांदलाजे अवध क्षेत्र की चुनाव प्रभारी भी हैं। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर वह इन दिनों पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से लगातार मिलकर स्थानीय स्तर पर चुनाव रणनीतियां बनाने में जुटी हैं।
अपने दौरे के दौरान उन्होंने यहां खेती-किसानी के क्षेत्र की प्रगति में केवीके के योगदान का जायजा लिया। मशरूम की खेती से जीवन-यापन कर रहीं भूमिहीन महिला किसान सकीना बेगम से मिलकर कृषि राज्यमंत्री काफी प्रसन्न हुईं। सकीना बेगम केवीके की मदद से मशरूम की खेती करने में सक्षम हुई हैं।
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कृषि राज्यमंत्री शोभा करांदलाजे यूपी के लखीमपुर में सरसों की फसल का मुआयना कर रहीं