नई दिल्ली । मोदी सरकार की ओर से दीपावली से पहले जीएसटी को लागू करना एक मास्टरस्ट्रोक था। इसने फेस्टिव सीजन में बिक्री को उच्चतम स्तर पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई है। यह जानकारी बुधवार को इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की ओर से दी गई।
दीपावली पर फेस्टिव सेल्स 6 लाख करोड़ के आंकड़े को पार करने के सवाल पर समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए पीएचडीसीसीआई के सीईओ एवं महासचिव डॉ. रणजीत मेहता ने कहा, “फेस्टिव सीजन में सेल्स के इस आंकड़े को छूने की कई वजह हैं। पहला- जीएसटी सुधार को दीपावली से पहले लागू करना एक मास्टरस्ट्रोक था। इससे मांग को बढ़ाने में मदद मिली है और दूसरा- पीएम मोदी की ओर से स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के लिए देशवासियों को प्रोत्साहित करना था, जिससे देश में बने उत्पादों की स्वीकार्यता में इजाफा हुआ है।”
उन्होंने आगे कहा कि इस फेस्टिव सीजन में बिकने वाले 80 प्रतिशत उत्पाद भारतीय थे, जो वॉकल फॉर लोकल नारे की सफलता को दिखाता है।
आईएएनएस से भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स, कोलकाता के अध्यक्ष नरेश पचीसिया ने कहा कि दीपावली पर ऐसी कंज्यूमर मांग कई दिनों बाद देखने को मिली है। इसकी वजह जीएसटी सुधार है, जिसके कारण कई उत्पादों पर जीएसटी काफी कम हो गया है। यह अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छा संकेत है। वहीं, 2025 के आम बजट में नई टैक्स रिजीम के तहत पर्सनल इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 12 लाख रुपए तक करने का भी मांग पर सकारात्मक असर हुआ है।
ब्रिक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ने कहा,”मेरा पहले ही मानना था कि इस बार की दीपावली ऐतिहासिक होगी और ऐसा ही हुआ। इसका पूरा श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को जाता है, जिन्होंने समय पर जीएसटी सुधारों को लागू किया।”
इंडस्ट्री बॉडी कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक, जीएसटी दरों में कटौती और स्थानीय या स्वदेशी उत्पादों की जोरदार मांग के चलते, 2025 में दीपावली की बिक्री रिकॉर्ड 6.05 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। दीपावली पर व्यापार में आई तेजी से लॉजिस्टिक्स, परिवहन, खुदरा सहायता, पैकेजिंग और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार पैदा होने का अनुमान है।
–आईएएनएस