नई दिल्ली । संसद में हाल ही में दी गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष नवंबर तक 31.38 करोड़ से अधिक असंगठित कामगार और 5.09 लाख से अधिक गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर किए जा चुके हैं।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ई-श्रम (असंगठित कामगारों का नेशनल डाटाबेस) पोर्टल 26 अगस्त, 2021 को लॉन्च किया था। इस पोर्टल का उद्देश्य असंगठित, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सेल्फ डिक्लेरेशन बेसिस पर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) देकर उन्हें रजिस्टर करना है।
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सोशल सिक्योरिटी, स्वास्थ्य और कल्याण योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की 14 योजनाओं को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ा जा चुका है।
केंद्रीय राज्य मंत्री के अनुसार, भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की बजट घोषणा में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें ई-श्रम पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन, पहचानपत्र जारी करना और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवा के लाभ देना शामिल है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार रोजगार सृजन के साथ युवाओं और महिलाओं की रोजगार-क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। देश में रोजगार सृजन की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है। इनमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई), स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम तथा वूमेन इन साइंस एंड इंजीनियरिंग-किरण (वाइज-किरण) शामिल हैं।
केंद्र की ओर से चार लेबर कोड को 21 नवंबर 2025 से प्रभावी कर दिया गया है। इन लेबर कोड के साथ औपचारिक रोजगार और सोशल सिक्योरिटी कवरेज को बढ़ाने के साथ देश में समग्र श्रमिक कल्याण के लिए लॉन्ग-टर्म स्ट्रैटेजी के रूप में कई प्रावधान प्रावधान किए गए हैं।
इन नए लेबर कोड्स के साथ सभी नौकरियों के लिए न्यूनतम मजदूरी भुगतान सुनिश्चित किया गया है, वेतन का समय पर भुगतान अनिवार्य किया गया है और श्रमिकों की मुफ्त सालाना स्वास्थ्य जांच अनिवार्य की गई है। साथ ही, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स समेत अस्थाई कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार किया गया है। महिला कामगार/कर्मचारी के लिए नए लेबर कोड उन्हें मातृत्व लाभ पाने का हकदार बनाते हैं।
–आईएएनएस











