नई दिल्ली। देश में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को लेकर बहस छिड़ गई है। चुनाव आयोग जहां आरवीएम लाने का विचार कर रहा है, वहीं विपक्ष का कहना है कि आयोग पहले ईवीएम की विश्वसनीयता साबित करे। ईवीएम और आरवीएम के मुद्दे पर विपक्षी दलों के समूह का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने वीवीपैएट से काउंटिंग की मांग की है।
कांग्रेस की तरफ़ से इवीएम को लेकर बनायी गयी कमेटी की अध्यक्षता कर रहे दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को एक ट्वीट थ्रेड के माध्यम से ईवीएम से संबंधित विपक्ष की मांगों को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। सिंह ने लिखा है कि, “हम निर्वाचन आयोग के आभारी हैं कि उन्होंने आरवीएम को लेकर सर्वदलीय बैठक की। भारतीय संविधान और लोकतंत्र के हित में चुनाव आयोग को सीज़र की पत्नी की तरह संदेह से परे होना चाहिए।’
सिंह ने आगे लिखा, “ईवीएम को लेकर भरोसे की भारी कमी है। चिप वाली कोई भी मशीन टैम्पर प्रूफ नहीं है, यह एक सार्वभौमिक सत्य है। निर्वाचन आयोग को सिविल सोसाइटी एक्टिविस्ट्स और राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए सवालों का संतोषजनक जवाब देना चाहिए।” कांग्रेस नेता ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे बैलेट पेपर से मतदान के लिए दबाव नहीं बना रहे हैं।
सिंह ने कहा, “मैं बैलेट पेपर द्वारा मतदान का सुझाव नहीं दे रहा हूं। मैं मामूली संशोधन के साथ ईवीएम से ही मतदान करने का बहुत ही सरल और उचित सुझाव दे रहा हूं…
1. ईवीएम पर मतदान के बाद वीवीपैएट से निकली पर्ची बॉक्स में डालने के बजाय मतदाता के हाथ में दी जानी चाहिए।
2. इसके बाद मतदाता पर्ची को माइक्रोचिप मुक्त बैलेट बॉक्स में डाल दें।
3. वीवीपैट की पर्ची गिनने की मशीन स्थापित की जाए और फिर परिणाम घोषित करें।”
दरअसल, ईवीएम में वोट डालने के बाद वीवीपैएट से एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची पर चुनाव निशान देखकर मतदाता आश्वस्त हो सकते हैं कि उनका वोट उसी उम्मीदवार को गया है, जिसके सामने का बटन उन्होंने ईवीएम मशीन में दबाया। फिलहाल यह पर्ची खुद से बॉक्स में चली जाती है। सिंह चाहते हैं कि पर्ची लोगों को दिया जाए और वे उसे बॉक्स में डालें। बाद में पर्ची गिनकर नतीजों का ऐलान किया जाए।