विदेशी सहायता रुकने पर अफगानिस्तान में गहरा रहा मानवीय संकट

काबुल: अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद, अंतर्राष्ट्रीय सहायता को निलंबित कर दिया गया है, जिससे देश की बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमराने लगी हैं और देश एक मानवीय आपदा के कगार पर पहुंच गया है।

चूंकि देश लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय सहायता पर निर्भर रहा है, इसलिए अब यह सहायता बंद होते ही जाहिर तौर पर देश की सभी बुनियादी सुविधाओं पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।

अफगानिस्तान में लगभग 2,000 क्लीनिक और अन्य स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं दानादाताओं द्वारा वित्त पोषित हैं, जिनके कुछ दिनों के भीतर ही बंद होने की उम्मीद है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं को चालू रखने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं।

अफगानिस्तान में अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं की बिगड़ती स्थिति और विदेशी सहायता की कोई गुंजाइश न होने के कारण लाखों स्थानीय लोगों को प्राथमिक या माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा से वंचित होना पड़ सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा, “विश्व बैंक द्वारा प्रशासित डोनर पॉट द्वारा वित्त पोषित 90 प्रतिशत क्लीनिकों को बंद करने से अफगानिस्तान के कोविड-19 आइसोलेशन बेड का केवल एक अंश ही चल रहा है।”

काबुल आपातकालीन अस्पताल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल नर्सों का कहना है कि आईसीयू में गंभीर रोगियों की दवाएं, बुनियादी और आपातकालीन जरूरतें खत्म हो रही हैं।

काबुल आपातकालीन अस्पताल में काम करने वाले एक डॉक्टर ने कहा, “दवाएं, ड्रिप, इंजेक्शन और यहां तक कि स्वाब भी अस्पताल में खत्म हो रहे हैं। हम आने वाले दिनों में मरीजों का इलाज नहीं कर पाएंगे। अस्पताल में भर्ती मरीजों के पास कोई दवा नहीं होगी।”

विश्व बैंक और अन्य प्रमुख दानदाताओं ने अफगानिस्तान में सेहतमंडी कार्यक्रम में 60 करोड़ डॉलर से अधिक की सहायता की है, जो देश की सहायता पर निर्भर स्वास्थ्य प्रणाली के पीछे प्रेरक शक्ति है। हालांकि, तालिबान के अधिग्रहण के बाद, दानदाताओं ने अफगानिस्तान को सहायता भुगतान रोक दिया है।

डॉ. वाहिद मजरूह ने कहा, “यह निर्णय प्रणाली को ध्वस्त करने के करीब ले जाता है। लोग, मां, बच्चे, कुपोषित शिशु, जिन्हें टीकाकरण की आवश्यकता होती है, वे स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच से वंचित हो जाएंगे।”

यह उल्लेख करना उचित है कि तालिबान के अधिग्रहण से पहले ही अफगानिस्तान की स्वास्थ्य प्रणाली अस्त-व्यस्त थी, क्योंकि हजारों स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है।

इसके अलावा, विदेशी वित्त पोषित सामुदायिक विकास परियोजनाओं पर काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों को भी आने वाले दिनों में ऐसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के बंद होने का डर है।

एक गैर सरकारी संगठन के एक कर्मचारी सदस्य, जिसे पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है, उसने कहा, “हमारे पास सरकार के माध्यम से विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास परियोजनाएं हैं। यदि निकट भविष्य में वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की गई तो ये गतिविधियां बंद हो जाएंगी।”

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान में एक बड़ा मानवीय संकट अभी शुरू हो रहा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपनी आंखें न हटाने का आग्रह किया गया है।

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने कहा, “लगभग 3.9 करोड़ ऐसे अफगान हैं, जो अभी भी अफगानिस्तान में हैं। उन्हें हमारी, सरकारों की, मानवतावादियों और आम नागरिकों की उनके साथ बने रहने की आवश्यकता है।”

अफगानिस्तान में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के प्रमुख इसाबेल मौसार्ड कार्लसन ने कहा, “आधे अफगानिस्तान को सहायता की जरूरत है और आधे बच्चे दशकों के संघर्ष और सूखे के बाद कुपोषित हैं।”

–आईएएनएस

गाजा युद्धविराम वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका का पुनर्मूल्यांकन करेगा कतर

दोहा । कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि कतर, इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थ के रूप में अपनी भूमिका का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है। माजिद...

अमेरिकी कांग्रेस ने यूक्रेन के लिए 61 अरब डॉलर की सहायता को दी मंजूरी

वाशिंगटन । अमेरिकी कांग्रेस ने कई महीनों के इंतजार के बाद यूक्रेन के लिए 61 अरब डॉलर के सहायता पैकेज को आखिरकार मंजूरी दे दी है। इससे पहले शनिवार को...

पहली बार अपने आधिकारिक दौरे पर जर्मनी जाएंगे प्रधानमंत्री ऋषि सुनक

बर्लिन । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पदभार संभालने के 18 महीने बाद बुधवार को पहली बार बर्लिन जाएंगे। अपने जर्मन समकक्ष ओलाफ स्कोल्ज के साथ उनकी बैठक यूक्रेन के...

ईडी की कार्रवाई और अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हेमंत सोरेन

रांची । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के...

देश पर आपातकाल थोपने वाली कांग्रेस आज लोकतंत्र की दुहाई दे रही है : सीएम धामी (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के...

हमारी प्राथमिकताएं प्रकृति केंद्रित भी होनी चाहिए : राष्ट्रपति मुर्मू

देहरादून । उत्तराखंड दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रशिक्षणरत व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के भारतीय वन सेवा के परिवीक्षार्थियों के दीक्षांत समारोह में...

कांग्रेस के मेनिफेस्टो के खिलाफ बीजेपी का प्रदर्शन, महिला मोर्चा ने निकाला मार्च

नई दिल्ली । कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली में बीजेपी महिला मोर्चा ने जैसलमेर हाउस से लेकर अकबर रोड तक बुधवार को मार्च...

कांग्रेस के थिंक टैंक हैं सैम पित्रोदा, भारतीयों की विरासत पर कांग्रेस की गिद्ध दृष्टि : सुधांशु त्रिवेदी

नई दिल्ली । भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सैम पित्रोदा को कांग्रेस का थिंक टैंक बताते हुए आरोप लगाया है कि जिन्हें भारत की विरासत से नफरत है,...

मलेशिया में दो सैन्य हेलीकॉप्टरों के हवा में टकराने से 10 की मौत

कुआलालंपुर । मलेशिया में दो सैन्य हेलीकॉप्टरों की हवा में टक्कर के बाद दस लोगों की मौत हो गई। यह घटना मलेशिया के पेराक राज्य में मंगलवार सुबह हुई। रॉयल...

यूक्रेन में रूसी हमले में नौ लोग घायल

कीव । यूक्रेन के बंदरगाह शहर ओडेसा में बीती रात रूसी ड्रोन के हमलों में नौ लोग घायल हो गये। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्थानीय सैन्य प्रशासक ओलेह...

देश में आर्थिक गतिविधियां 14 साल में अप्रैल में सबसे अधिक तेज : एचएसबीसी सर्वेक्षण

मुंबई । मंगलवार को जारी एचएसबीसी सर्वेक्षण के अनुसार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के अच्छा प्रदर्शन के कारण इस महीने भारत की आर्थिक गतिविधि 14 साल के उच्चतम स्तर पर...

एलन मस्क ने चाकूबाजी के वीडियो हटाने के फैसले पर ऑस्ट्रेलिया पर साधा निशाना

सिडनी । टेक अरबपति एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सिडनी चर्च में चाकूबाजी के वीडियो पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों पर ऑस्ट्रेलिया पर निशाना साधा है।...

editors

Read Previous

सरकार ने एनएलईएम में संशोधन किया: 39 सामान्य दवाओं की कीमतों में हुई कटौती

Read Next

जांच आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, जयललिता की मौत पर रिपोर्ट 1 महीने में आएगी

Leave a Reply

Your email address will not be published.

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com