कोलकाता । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक मिथिलेश कुमार मिश्रा ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल न्यायाधीश पीठ से उन्हें पश्चिम बंगाल में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच से हटाने के अपने पहले के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की।
मिश्रा की अपील है कि भले ही उन्हें पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के लिए करोड़ों रुपये के नकद मामले में जांच प्रमुख के रूप में बदल दिया जाए, लेकिन पश्चिम बंगाल में मनी लॉन्ड्रिंग के अन्य मामले उनसे नहीं छीने जाएं।
29 सितंबर के अपने आदेश में जस्टिस सिन्हा का संकेत था कि पश्चिम बंगाल में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एक भी मामला मिश्रा को नहीं सौंपा जाएगा।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि अदालत ने स्कूल नौकरी मामले में जांच की सुचारू प्रगति को आगे बढ़ाने में संबंधित ईडी अधिकारी की दक्षता पर विश्वास खो दिया है। न्यायाधीश ने हाल ही में मिश्रा द्वारा की गई जांच के तरीके पर असंतोष व्यक्त किया और उनसे यह भी पूछा कि क्या वह जांच से राहत चाहते हैं।
मिश्रा को एक कॉर्पोरेट इकाई के बारे में अदालत को अधूरी जानकारी प्रदान करने के लिए न्यायमूर्ति सिन्हा की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा, जिसका नाम स्कूल नौकरी मामले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच के दौरान सामने आया था।
जस्टिस सिन्हा ने सवाल किया, “क्या यह कोई डाकघर है कि आप किसी से जो कुछ भी प्राप्त किया है उसे विवरण की जांच किए बिना जमा कर देंगे? आप सुरंग के अंत तक कब पहुंचेंगे?”
आईएएनएस