नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने कालेजों में दाखिले की तारीख और प्रक्रिया का ऐलान कर दिया है। स्नातकोत्तर कार्यक्रम के लिए 26 जुलाई से 21 अगस्त, एमफिल व पीएचडी के लिए भी 26 जुलाई से 21 अगस्त और अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए 2 अगस्त से 31 अगस्त तक आवेदन फार्म भरा जा सकेगा। विश्वविद्यालय की प्रवेश शाखा ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में दाखिला शुरू करने की यह घोषणा की है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने पिछले वर्ष कोविड महामारी के कारण सामने आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष, छात्रों के लाभ के लिए, विश्वविद्यालय ने पात्रता मानदंड को पिछले वर्ष की तरह बनाए रखने का निर्णय लिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति पीसी जोशी के मुताबिक विश्वविद्यालय ने यह भी निर्णय लिया है कि मेरिट आधारित और प्रवेश आधारित प्रवेश के लिए पंजीकरण शुल्क में कोई बदलाव नहीं होगा। केंद्रीकृत यूजी प्रवेश एक पंजीकरण-सह-आवेदन पत्र के माध्यम से किया जाएगा। सभी विभाग, कॉलेज प्रवेश के लिए एक ही पंजीकरण-सह-आवेदन प्रपत्र का उपयोग करेंगे और उम्मीदवारों को कोई अन्य प्रपत्र नहीं भरना होगा।
स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए, उम्मीदवारों को एक पंजीकरण फॉर्म भरना होगा, लेकिन एक से अधिक कार्यक्रमों का विकल्प चुनने पर अलग पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा।
एमफिल, पीएचडी के लिए आवेदन करने वाले सभी उम्मीदवार। कार्यक्रमों को एक सामान्य पंजीकरण फॉर्म भरना होगा। किसी भी स्थिति में पंजीकरण शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय में सभी स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, चयनित स्नातक कार्यक्रमों और एमफिल, पीएचडी कार्यक्रमों का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। गैर-नेट उम्मीदवार जो पीएचडी में प्रवेश पाने के इच्छुक हैं और एमफिल कार्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा 2021 में उपस्थित होना होगा।
शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से, बैचलर इन फिजियोथेरेपी, बैचलर इन ऑक्यूपेशनल थेरेपी, बैचलर ऑफ प्रोस्थेटिक्स एंड ऑर्थोटिक्स और मास्टर्स ऑफ फिजियोथेरेपी में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला दिया जाएगा।
सभी प्रवेश परीक्षाएं एनटीए के कंप्यूटर आधारित मोड के माध्यम से आयोजित की जाएंगी। इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रवेश परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों को बढ़ाने की योजना बना रहा है। अंडर-ग्रेजुएट मेरिट-आधारित कार्यक्रमों में प्रवेश पिछले वर्षों के अभ्यास के अनुसार कट-ऑफ पर आधारित होगा। प्रवेश शाखा कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ कट-ऑफ तय करने के तौर-तरीकों पर काम कर रही है ताकि प्रवेश से अधिक और कम प्रवेश से बचा जा सके।
दिल्ली विश्वविद्यालय विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करके और आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करके छात्रों को विभिन्न खेलों और पाठ्येतर गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके अंतर्गत ईसीए और खेल के लिए कम से कम 1 फीसदी (कॉलेज की कुल सेवन क्षमता का) का प्रतिनिधित्व सभी कॉलेजों के लिए अनिवार्य है, जो ईसीए और खेल के लिए कुल मिलाकर 5 फीसदी (कॉलेज की कुल सेवन क्षमता का) की सीमा के अधीन है।
–आईएएनएस