नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा में पेश एजुकेशन बिल को आम आदमी पार्टी (आप) ने ‘फर्जीवाड़ा’ करार दिया है। ‘आप’ विधायक आतिशी ने दावा किया कि यह बिल निजी स्कूलों की बढ़ी हुई फीस को मंजूरी देने के लिए बनाया गया है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस बिल को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक दल ने कई संशोधन पेश किए हैं। अब यह देखना होगा कि इस संशोधन पर चर्चा होती है कि नहीं। हमें उम्मीद है कि जो संशोधन अभिभावकों के हक में हैं, भाजपा उनका समर्थन करेगी।
आतिशी ने कहा कि आज सैकड़ों अभिभावक चांदगीराम अखाड़े पर विरोध प्रदर्शन के लिए आए थे। लेकिन, पुलिस ने उन्हें रोका। बीजेपी कुछ कार्यकर्ताओं को बुलाकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद करवाना चाहती है। आतिशी ने कहा, “आज हम फीस को लेकर महत्वपूर्ण संशोधन पेश करेंगे। इससे साफ हो जाएगा कि बीजेपी अभिभावकों के साथ है या स्कूल मालिकों के साथ।”
इस बीच, कुछ अभिभावकों ने इस बिल का स्वागत भी किया और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि यह निजी स्कूलों और कॉलेजों की मनमानी पर रोक लगाएगा। एक अभिभावक ने बताया, “हम खुश हैं, क्योंकि इस बिल से लाखों अभिभावकों को राहत मिलेगी। स्कूल और कॉलेज फीस बढ़ा रहे थे, लेकिन अब उनकी मनमानी रुकेगी। हम रेखा दीदी (रेखा गुप्ता) का धन्यवाद करने आए हैं, जिन्होंने यह अच्छा फैसला लिया।”
इस बिल को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, क्योंकि आप बीजेपी पर स्कूल मालिकों का पक्ष लेने का आरोप लगा रही हैं। दूसरी ओर, अभिभावक इसे राहत की सांस बता रहे हैं। अब सबकी नजर विधानसभा में होने वाली चर्चा और संशोधनों पर है।
बता दें, प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने ‘दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस 2025’ बिल सोमवार को पेश किया। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दावा किया कि यह बिल पारदर्शी तरीके से प्राइवेट स्कूलों की फीस को कंट्रोल करेगा।
बिल को लेकर जताए जा रहे ऐतराज पर आशीष सूद ने कहा, “यह ध्यान देने की जरूरत है कि इस बिल के आने से दिल्ली स्कूल एजुकेशन रेगुलेटरी एक्ट 1973 (डीएसईआर) खत्म नहीं हो रहा है; उसके प्रावधान अब भी लागू हैं, जो शिक्षा के कई मसलों को कवर करते हैं। उसे संसद ने बनाया है; उसे हम खत्म नहीं कर सकते।”
—आईएएनएस