अस्थिर अफगानिस्तान में निवेश को लेकर बनी रहेगी चीन की हिचकिचाहट?

नई दिल्ली, 21 सितंबर: चीन, जो अफगानिस्तान को 3.1 करोड़ डॉलर की आपातकालीन सहायता पेश करने वाले पहले देशों में से एक रहा है, युद्धग्रस्त राष्ट्र के पुनर्निर्माण में मदद करेगा? अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि बीजिंग ने अफगानिस्तान की मदद करने का वादा जरूर किया है, लेकिन इसकी ओर से देश में ऐसा कोई बड़ा निवेश करने की संभावना नहीं है, जो पस्त हो चुकी अर्थव्यवस्था को उठाने में कोई वास्तविक प्रभाव डाल सकता है।

देश के सेंट्रल बैंक दा अफगानिस्तान बैंक के पूर्व कार्यवाहक गवर्नर ने अमेरिकी थिंक टैंक-अटलांटिक काउंसिल से कुछ दिन पहले कहा था, “जितना आप सोच सकते हैं, चीन उससे कहीं अधिक सतर्क है।”

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में अपने अरबों के निवेश के साथ चीन को निवेश के लिए एक स्थिर राजनीतिक माहौल की जरूरत है।

वास्तव में, वाणिज्य मंत्री के रूप में, जब अहमदी ने 2019-2020 में चल रहे बीआरआई पर एक सम्मेलन में भाग लिया था, तो उन्होंने पाया था कि उनके चीनी वार्ताकार अफगानिस्तान में अपने मौजूदा निवेश पर निर्माण करने में संकोच कर रहे थे।

सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि वह उम्मीद करेंगे कि वही ढांचा अब लागू होगा। अटलांटिक काउंसिल ने अहमदी के हवाले से कहा, “शायद वे बड़ी मात्रा में निवेश करने का वादा करेंगे- लेकिन मुझे लगता है कि उनका वास्तविक कार्यान्वयन एक लंबा समय है।”

इसके अलावा, भले ही चीन, जिसने कहा है कि वह अफगानिस्तान की ‘संप्रभुता’ और ‘स्वतंत्रता’ का सम्मान करता है, किसी बिंदु पर देश में निवेश करने का फैसला करता है, लेकिन इतना जरूर है कि इन्हें फलने-फूलने में लंबा समय लगेगा।

अहमदी ने कहा कि हालांकि अफगानिस्तान के बड़े खनिज भंडार में बीजिंग की बढ़ती दिलचस्पी की खबरें आई हैं, लेकिन इसका मतलब होगा कि यह ‘एक बहु-वर्षीय निवेश प्रक्रिया’ होगी, जो प्रकृति में लंबी अवधि की है और अल्पावधि में अफगान अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बहुत कम काम करेगी।

अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद सत्ता में आने के बाद, तालिबान ने पुनर्निर्माण प्रक्रिया में चीन की मदद मांगी है, क्योंकि देश को चलाने के लिए कोई वित्तीय संसाधन न के बराबर बचा है और देश के आर्थिक हालात बुरे होते जा रहे हैं।

इंडिया नैरेटिव से बात करते हुए, पूर्व नौकरशाह और अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड इंटरनेशनल स्टडीज के निदेशक शक्ति सिन्हा ने कहा कि चीन अफगानिस्तान को अपनी पुनर्निर्माण प्रक्रिया में कोई भी पर्याप्त सहायता प्रदान करने में असमर्थ होगा। सिन्हा ने कहा, “यह चीन के दायरे से परे है। बीजिंग किसी भी महत्वपूर्ण तरीके से अफगानिस्तान की मदद करने की स्थिति में नहीं है।”

चीन और अन्य देशों के लिए अफगानिस्तान ने जो चुनौतियां खड़ी की हैं, अगर उनके बारे में बात की जाए तो यह सूची भी काफी लंबी हो जाती है।

कई वॉरलॉर्डस और सत्ता के दलालों के साथ व्यापक भ्रष्टाचार और कार्टेल की समस्याएं अफगानिस्तान के राजनीतिक-आर्थिक परि²श्य पर हावी हैं। तालिबान की सत्ता में वापसी के अलावा, देश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल मची हुई है। अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि जहां चीनी दूतावास काम करना जारी रखता है, वहीं कई चीनी देश छोड़कर जा चुके हैं।

अमेरिका के फ्रॉस्टबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर मा हैयुन ने साउथ चाइना मॉनिर्ंग पोस्ट को बताया कि वह अफगानिस्तान के खंडित समाज से निपटने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उसके पास जमीन पर नेटवर्क की कमी है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने उल्लेख किया कि अफगानिस्तान की सीमा से लगे शिनजियांग क्षेत्र के अपने सुदूर-पश्चिमी क्षेत्र में उइगर मुस्लिम आबादी पर चीन का दमन भी इस पहलू में खास महत्व रखता है। चीन वास्तव में मध्य एशिया में अपने नेटवर्क के विस्तार में उइगर समुदाय का लाभ उठा सकता था।

मा के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने एक ऐसे संसाधन को नष्ट कर दिया है, जिसका इस्तेमाल वह मध्य एशिया में अपने प्रभाव का विस्तार करने के लिए कर सकता था।

पिछले कुछ महीनों में बीजिंग उइगर मुसलमानों के साथ अपने व्यवहार और मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के लिए वैश्विक जांच के दायरे में आ गया है। यह कोई रहस्य नहीं है कि आतंकवादियों की वापसी और अमेरिकी सैनिकों के देश छोड़कर चले जाने से भी चीन की चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि इससे कई आतंकवादी संगठन हमले करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। इराक में इस्लामिक स्टेट और लेवंत-खोरासन (आईएसआईएल-के) और उइगर ईस्टर्न इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) – एक उइगर आतंकवादी समूह – देश में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।

जबकि चीन अफगानिस्तान में 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विस्तार करने का इच्छुक है, मगर साथ ही सुरक्षा चिंताएं भी प्रमुख हैं। चीन ने पहले ही सीपीईसी में अपने निवेश को धीमा कर दिया है, खासकर जब वह देरी, भ्रष्टाचार और सुरक्षा मुद्दों से प्रभावित हुआ है।

इस स्थिति को देखते हुए, चीन जल्द ही किसी भी समय अफगानिस्तान में उद्यम नहीं करेगा।

एससीएमपी की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है, “चीनी कंपनियां अफगानिस्तान की विशाल तांबे और लिथियम खानों पर भी नजर गड़ाए हुए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि खतरनाक सुरक्षा स्थिति का मतलब है कि निवेशकों द्वारा तत्काल इस पर अधिक काम किए जाने की संभावना नहीं है।”

(यह आलेख इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)

–इंडिया नैरेटिव

भाजपा की अंबाला रैली में अनिल विज ने कहा, कुछ लोगों ने मुझे बेगाना करने की कोशिश की

अंबाला । अंबाला में बुधवार को भाजपा की ‘विजय संकल्प रैली’ का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व गृह मंत्री...

हिंदुओं की बेटियों का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है : पाकिस्तान सीनेटर

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के सीनेटर दानेश कुमार ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों के जबरन अपहरण और धर्मांतरण की ओर लोगों का ध्यान खींचा है। दानेश ने सीनेट...

गाजा युद्धविराम समझौते को आगे बढ़ाने एंटनी ब्लिंकन इजरायल पहुंचे

तेल अवीव । अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजरायल पहुंचे। यहां पर वह गाजा युद्धविराम समझौते को आगे बढ़ाने के लिए बुधवार को देश के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग और प्रधानमंत्री...

राष्ट्रपति शी की यात्रा सर्बिया के विकास के लिए नई उम्मीद लेकर आएगी : सर्बियाई राष्ट्रपति

बीजिंग । सर्बियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की आगामी राजकीय यात्रा न केवल सर्बिया के लिए एक प्रमुख राजनयिक घटना है, बल्कि सर्बिया के...

अमित शाह फर्जी वीडियो मामले में असम से एक गिरफ्तार

गुवाहाटी । मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि असम पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जुड़े एक वीडियो में छेड़छाड़ के लिए एक व्यक्ति को...

हांगचो अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव : पतंग कला और संस्कृति का प्रदर्शन

बीजिंग । दक्षिण-पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत के हांगचो शहर में हांगचो अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव थोंगच्येन झील के फूल सागर दर्शनीय स्थल में शुरू हुआ। इस पतंग महोत्सव ने दुनिया...

यूक्रेन ने कहा, जर्मनी में मारे गए दो यूक्रेनी उसकी सेना के थे जवान

मॉस्को/म्यूनिख । यूक्रेन ने कहा है कि दक्षिणी जर्मन राज्य बवेरिया में मारे गए दो यूक्रेनी उसकी सेना के जवान थे। हत्या का आरोप एक रूसी नागरिक पर लगा है।...

धनबाद में मिला कोरोना से संक्रमित मरीज

धनबाद । झारखंड के धनबाद में कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद मरीज को तत्काल केंद्रीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मरीज का उपचार जारी है। इस संबंध...

नेस्ले इंडिया को 934.17 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा, डॉ. रेड्डीज लैब के साथ बनायेगी संयुक्त उपक्रम

नई दिल्ली । अपने बेबी फूड की गुणवत्ता को लेकर नियामक जांच का सामना कर रही एफएमसीजी कंपनी नेस्ले इंडिया पौष्टिक स्वास्थ्य उत्पादों से जुड़े समाधान के लिए डॉ. रेड्डीज...

इजरायल का समर्थन करने पर अमेरिका में विरोध-प्रदर्शन तेज, सैकड़ों छात्र गिरफ्तार

न्यूयॉर्क । मिडिल ईस्ट में गाजा युद्ध को लेकर इजरायल का समर्थन करने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। अमेरिकी विश्वविद्यालयों के कैंपस से...

अमेरिका ने यूक्रेन को नई लंबी दूरी की मिसाइलें सौंपी : पेंटागन

वाशिंगटन । पेंटागन ने बताया कि अमेरिका ने डिलीवरी पर गुप्त हस्ताक्षर मिलने के बाद यूक्रेन को एक नई लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली भेजी। हथियार मार्च में अमेरिका द्वारा...

तेलंगाना में कार खड़े ट्रक से टकराई, एक ही परिवार के छह की मौत

हैदराबाद । हैदराबाद-विजयवाड़ा नेशनल हाईवे पर गुरुवार तड़के एक कार खड़े ट्रक से टकरा गई। इस हादसे में एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई और दो...

editors

Read Previous

यूपी के 14 शहरों में पुराने किराये पर दौड़ेंगी नई ई-बसें : नगर विकास मंत्री

Read Next

यूरो कप : इंग्लैंड ने जर्मनी को हराया, क्वार्टर फाइनल में पहुंचा

Leave a Reply

Your email address will not be published.

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com