नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| अब किसी भी परिवार के लिए छत पर सोलर पैनल लगवाना और 30 दिनों के भीतर सरकार से स्वीकृत सब्सिडी प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
सोलर रूफ टॉप (घर की छत पर सौर सयंत्र) योजना के तहत, सरकार ने प्रक्रिया को आसान बनाने और उन परिवारों को अधिक स्वतंत्रता देने का फैसला किया है जो रूफ-टॉप सोलर पैनल लगाने के लिए तैयार हैं।
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने शनिवार को रूफ टॉप योजना की प्रगति की समीक्षा की और इसके बाद योजना को सरल बनाने के निर्देश दिए, जिससे इस तक लोगों की पहुंच आसान हो सके।
अब से लाभार्थी को किसी भी सूचीबद्ध विक्रेता से ही रूफ टॉप लगवाना जरूरी नहीं होगा।
इसकी जगह वे खुद भी रूफ टॉप लगा सकते हैं या अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता से इसे लगवा सकते हैं। साथ ही, लगाई गई प्रणाली की एक फोटो के साथ वितरण कंपनी को इस बारे में सूचित किया जाए।
डिस्कॉम (विद्युत वितरण कंपनी) को रूफ टॉप को लगाए जाने की सूचना सामग्री के रूप में पत्र या आवेदन के जरिए या निर्दिष्ट वेबसाइट पर दी जा सकती है, जिसे हर एक डिस्कॉम और भारत सरकार ने रूफ टॉप योजना के लिए शुरू किया है। वहीं, वितरण कंपनी यानी डिस्कॉम यह सुनिश्चित करेगी कि सूचना मिलने के 15 दिनों के भीतर नेट मीटरिंग उपलब्ध करा दी जाए।
भारत सरकार 3 किलोवाट क्षमता तक की रूफ टॉप के लिए 40 फीसदी और 10 किलोवाट तक के लिए 20 फीसदी सब्सिडी प्रदान करती है। सौर संयंत्र लगाए जाने के 30 दिनों के भीतर डिस्कॉम यह सब्सिडी लाभार्थी के खाते में जमा करेगी।
सौर पैनल और इन्वर्टर की गुणवत्ता निर्धारित मानक के अनुसार है, यह सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार समय-समय पर वैसे सोलर पैनल और इन्वर्टर प्रोड्यूसर्स की सूची प्रकाशित करेगी, जिनके उत्पाद अपेक्षित गुणवत्ता मानकों और उनकी मूल्य सूची के अनुरूप हैं। वहीं, लाभार्थी अपनी पसंद के सोलर पैनल और इन्वर्टर का चयन कर सकते हैं।
डिस्कॉम के नामित किसी भी विक्रेता द्वारा रूफ टॉप लगाए जाने का विकल्प पहले की तरह उपलब्ध है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ऐसे मामलों में भी लाभार्थी अपनी पसंद के सोलर पैनल और इन्वर्टर का चयन कर सकते हैं।
–आईएएनएस