नई दिल्ली । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को विजयनगरम आईएसआईएस मामले में आठ राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की। यह मामला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के इस्तेमाल से आतंक फैलाने की साजिश से जुड़ा है, जिसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए समर्थन दिया गया था।
एनआईए की ओर से जारी प्रेस विज्ञपति के अनुसार, 16 स्थानों पर की गई व्यापक, समन्वित तलाशी के दौरान कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, नकदी और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।
बयान में कहा गया, “एनआईए ने आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय में एक साथ तलाशी की योजना बनाई और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली राज्यों में सावधानीपूर्वक छापेमारी की।”
यह तलाशी, भारत में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एनआईए द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह तलाशी, आतंकवाद निरोधी एजेंसी द्वारा मामले में एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के एक महीने से भी कम समय बाद की गई है।
इस मामले में आरिफ हुसैन उर्फ अबू तालिब को 27 अगस्त को उस समय पकड़ा गया था जब वह रियाद भागने की कोशिश कर रहा था।
जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि आरोपी ने नेपाल सीमा के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए सह-अभियुक्तों के साथ साजिश रची थी। एनआईए इस मामले की जांच कर रही है, जिसे आरोपी सिराज-उर-रहमान की गिरफ्तारी के बाद विजयनगरम पुलिस ने जुलाई से दर्ज किया था।
पुलिस ने सिराज को गिरफ्तार किया, क्योंकि उसके पास विस्फोटक डिवाइस (आईईडी) बनाने के लिए संदिग्ध रासायनिक पदार्थ मिले थे।
एनआईए के बयान में बताया गया कि पूछताछ के दौरान, सिराज ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश का खुलासा किया। इसके बाद पुलिस ने एक अन्य आरोपी, सईद समीर, को भी गिरफ्तार किया। एनआईए की जांच से पता चला है कि सिराज और समीर दोनों इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलीग्राम, सिग्नल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवाओं को भड़काने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जांच जारी है।
–आईएएनएस