देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए तत्काल भूमि सुधार आवश्यक : सीआईआई

नई दिल्ली । भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को देश को 2047 तक एक लीडिंग मैन्युफैक्चरिंग और इन्वेस्टमेंट हब बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद के लिए तत्काल और बड़े भूमि सुधारों को आवश्यक बताया।

सीआईआई ने कहा कि भारत ने सुधार के कई क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है, लेकिन भूमि क्षेत्र अभी भी चुनौतियों का सामना कर रहा है जो औद्योगिक विकास को धीमा कर रही हैं और निवेशकों को हतोत्साहित कर रही हैं।

सीआईआई ने अपने बयान में कहा कि भारत का मजबूत नीतिगत ढांचा, औद्योगिक क्षमताएं, विशाल घरेलू बाजार और युवा कार्यबल इसे एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाते हैं, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक व्यापार और निवेश पैटर्न बदल रहे हैं।

बयान में आगे कहा गया कि इन अवसरों का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए, भारत को एक दूरदर्शी प्रतिस्पर्धात्मकता एजेंडे की आवश्यकता है जिसमें भूमि सुधार एक

प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए।

सीआईआई ने कहा कि पहुंच में सुधार, लागत कम करना और व्यवसायों के लिए नियमों को सरल बनाना भी आवश्यक है।

इसने केंद्र और राज्यों के बीच भूमि नीति के समन्वय के लिए जीएसटी जैसी एक परिषद बनाने का सुझाव दिया, क्योंकि भूमि प्रशासन मुख्यतः राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है।

इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि मौजूदा समय में देश में औद्योगिक भूमि बैंक मुख्यतः एक इन्फॉर्मेशन टूल है और इसे एक नेशनल प्लेटफॉर्म के रूप में अपग्रेड किया जाना चाहिए जो न केवल डेटा प्रदान करे बल्कि सिंगल डिजिटल इंटरफेस के माध्यम से भूमि के सीधे आवंटन भी हो।

मौजूद सिस्टम की खामियों पर सीआईआई ने कहा कि भारत में संपत्ति के पंजीकरण में नौ प्रक्रियाएं शामिल हैं और 58 दिन लगते हैं। साथ ही, इसमें संपत्ति के मूल्य की लगभग 8 प्रतिशत राशि खर्च होती है।

वहीं, न्यूजीलैंड जैसे देश इस प्रक्रिया को केवल 3.5 दिनों में, बहुत कम लागत पर पूरा कर लिया जाता है।

इस समस्या के समाधान के लिए सीआईआई ने प्रत्येक राज्य में एक ही स्थान पर आवंटन, बदलाव, विवाद समाधान और जोनिंग के लिए एकीकृत भूमि प्राधिकरण स्थापित करने की सिफारिश की।

सीआईआई ने भूमि उपयोग बदलाव प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने, स्टाम्प शुल्क दरों को सभी राज्यों में एक समान 3-5 प्रतिशत तक युक्तिसंगत बनाने और विवादों को कम करने के लिए अनुमानित से निर्णायक भूमि स्वामित्व में बदलाव का भी सिफारिश की।

इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि भारत में दीवानी मुकदमों में दो-तिहाई हिस्सा भूमि विवादों का है, जिससे निवेशकों के लिए अनिश्चितता पैदा होती है।

इंडस्ट्री बॉडी ने राज्यों से भूमि विवादों पर आंकड़े प्रकाशित करने, मिश्रित उपयोग विकास को प्रोत्साहित करने वाले लचीले जोनिंग नियमों को अपनाने, पर्यावरणीय स्थिरता को औद्योगिक नियोजन में एकीकृत करने और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से बड़े ग्रामीण भूमि खंडों को औद्योगिक गलियारों से जोड़ने का आग्रह किया।

सीआईआई के अनुसार, ये सुधार न केवल भारत को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएंगे बल्कि ग्रामीण विकास को भी बढ़ावा देंगे, अधिक निवेश आकर्षित करेंगे और समावेशी आर्थिक विकास को गति देंगे।

आईएएनएस

अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत रणनीतिक सुधार और मजबूत घरेलू मांग से करेगा दमदार वापसी : तुहिन सिन्हा

नई दिल्ली । अमेरिका की ओर से भारत पर टैरिफ लगा दिए हैं, लेकिन मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर इसका प्रभाव काफी मामूली होगी, क्योंकि पिछले...

भारत पर अमेरिकी टैरिफ ‘अनुचित और अव्यवहारिक’, रूसी ऊर्जा उत्पाद आयात में यूरोप सबसे आगे : रिपोर्ट

नई दिल्ली । ब्रिटेन के एक प्रमुख समाचार पत्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाना "अनुचित और अव्यवहारिक" है,...

टेस्ला दिल्ली में 11 अगस्त को खोलेगी शोरूम

नई दिल्ली । एलन मस्क के नेतृत्व वाली इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला ने 11 अगस्त को दिल्ली में शोरूम खोलने का ऐलान किया है। पिछले महीने कंपनी ने मुंबई के...

ट्रंप टैरिफ के बीच बोले अमिताभ कांत, पर्यटन से आ सकती है देश की सबसे अधिक निर्यात आय

नई दिल्ली । अमेरिका की ओर से भारतीय निर्यात पर टैरिफ लागने के बाद, पूर्व जी20 शेरपा अमिताभ कांत का कहना है कि देश के पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं...

केंद्र ने पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी सब्सिडी वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाई

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने शुक्रवार को 12,000 करोड़ रुपए की लागत से वित्त वर्ष 2025-26 तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) उपभोक्ताओं के...

अमेरिकी टैरिफ पर बोले जिम रोजर्स, एशिया और भारत में चल रही गतिविधियों की ट्रंप को कोई जानकारी नहीं

नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर दिग्गज यूएस निवेशक जिम रोजर्स ने शुक्रवार को कहा कि ट्रंप को दुनिया...

अमेरिका को भारत जैसे रणनीतिक साझेदार खोने का खतरा: पूर्व वाणिज्य विभाग अधिकारी

वॉशिंगटन । अमेरिका के वाणिज्य विभाग में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के पूर्व अवर सचिव और विदेश नीति मामलों के विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पैडिला ने चेतावनी दी है कि अमेरिका और भारत के...

ऑस्ट्रेलिया में कोयला परियोजना को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने हमें खलनायक की तरह किया पेश : गौतम अदाणी

लखनऊ । अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया में कारमाइकल कोयला परियोजना को लेकर समूह द्वारा झेली गई वैश्विक आलोचना और समन्वित प्रतिरोध के बारे में...

भारत का एआई टेक्नोलॉजी पर खर्च 2028 तक बढ़कर 10.4 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद : रिपोर्ट

नई दिल्ली । भारत का एआई टेक्नोलॉजी पर खर्च 2028 तक बढ़कर 10.4 अरब डॉलर पहुंचने की अनुमान है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।...

भारत के पास विशाल घरेलू बाजार, अमेरिकी टैरिफ कोई बड़ी समस्या नहीं : मार्क मोबियस

नई दिल्ली । अरबपति निवेशक मार्क मोबियस ने गुरुवार को कहा कि भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का देश पर काफी...

अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं होगा : आरबीआई गवर्नर

मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि जब तक कि कोई जवाबी टैरिफ न लगाया जाए, अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर...

आरबीआई एमपीसी का फैसला वैश्विक स्तर पर कमजोर स्थितियों और घरेलू मजबूती के बीच एक संतुलित विराम : अर्थशास्त्री

नई दिल्ली । अर्थशास्त्रियों ने बुधवार को आरबीआई एमपीसी के रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम प्रतिकूल भूराजनीतिक परिस्थितियों के बीच...

admin

Read Previous

जेलेंस्की ने रूस के साथ क्षेत्रीय अदला-बदली पर ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज किया

Read Next

तेलुगू सिने कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर दी हड़ताल की धमकी, हैदराबाद में प्रदर्शन तेज

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com