बर्लिन : ईरान और दुनिया भर में 22 वर्षीय ईरानी महिला महसा अमिनी की मौत के कारण विरोध प्रदर्शन जारी है, महसा की पिछले सप्ताह ‘मोरेलिटी पुलिस’ की हिरासत में मौत हो गई थी। ‘वैराइटी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्मी समुदाय पूरी तरह से इससे जुड़ा हुआ है और इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि अब उनकी आवाज के दबाने का खतरा और भी ज्यादा है। दो बार के ऑस्कर विजेता ईरानी निर्देशक असगर फरहादी, जो ज्यूरिख फिल्म फेस्टिवल जूरी की अध्यक्षता कर रहे हैं, उन्होंने एक वीडियो अपील जारी कर दुनिया भर के कलाकारों से अमिनी की मौत का विरोध कर रहे ईरानी लोगों के साथ अपनी एकजुटता की घोषणा करने का आग्रह किया है।
ऑनलाइन वीडियो शो में देखा जा सकता है, ईरान में सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों की एक अभूतपूर्व लहर में महिलाओं ने अपने हिजाब फाड़ दिए, उन्हें हवा में घुमाया और आग में फेंक दिया।
फरहादी ने ‘वैराइटी’ के हवाले से अपनी अपील में कहा, मैंने इन रातों को करीब से देखा, उनमें से ज्यादातर बहुत छोटे हैं- 17 साल के, 20 साल के। मैंने उनके चेहरों पर आक्रोश और आशा देखी और जिस तरह से उन्होंने सड़कों पर मार्च किया, मैं सभी कलाकारों, फिल्म निर्माताओं, बुद्धिजीवी,नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं और हर कोई जो मानवीय गरिमा और स्वतंत्रता में विश्वास करता है सभी को आमंत्रित करता हूं। ईरान की शक्तिशाली और बहादुर महिलाओं और पुरुषों के साथ वीडियो बनाकर, लिखित रूप में या किसी अन्य तरीके से एकजुटता के साथ आपको खड़ा होना चाहिए।
ईरानी अभिनेता और फिल्म निर्देशक पेगा अहंगारानी ने शुक्रवार को बर्लिन में अमिनी की मौत के बाद हो रहे प्रदर्शन में भाग लिया, उन्होंने बताया कि, वर्षों के उत्पीड़न के बाद ईरानी महिलाएं अब कह रही हैं कि ‘बहुत हो गया’ और अभूतपूर्व साहस दिखा रही है।
बर्लिन स्थित इंटरनेशनल कोएलिशन फॉर फिल्ममेकर्स एट रिस्क (आईसीएफआर) की अध्यक्ष ओरवा न्याराबिया, जो हिरासत में लिए गए ईरानी फिल्म निर्देशकों जाफर पानाही और मोहम्मद रसूलोफ के संपर्क में हैं, उन्होंने कहा, ईरान में ध्रुवीकरण नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। इसका मतलब होगा कि एक अधिक आक्रामक शासन, और यह फिल्म निर्माण को बहुत अधिक जोखिम में डाल देगा।
–आईएएनएस