Khalistan
टोरंटो । खालिस्तान के समर्थन के लिए अगले महीने कनाडा में होने वाले जनमत संग्रह के दूसरे चरण में अब मतदाताओं से पूछा जाएगा कि क्या जून में कट्टरपंथी सिख नेता निजर की मौत के लिए भारतीय उच्चायुक्त जिम्मेदार है। मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया है।
वैंकूवर सन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंधित चरमपंथी समूह, सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे), जिसने 10 सितंबर को सरे में अनौपचारिक मतदान का पहला चरण आयोजित किया था, ने कहा कि उन्होंने ब्रिटिश कोलंबिया में मतदान में एक प्रश्न जोड़ा है।
29 अक्टूबर के मतदान में पूछा जाएगा कि क्या उच्चायुक्त संजय वर्मा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारा के अध्यक्ष हरदीप सिंह निज्जर की “हत्या” के लिए जिम्मेदार हैं।
जनमत संग्रह के सवाल पर द सन को अभी तक ओटावा में भारतीय उच्चायोग और वैंकूवर में भारत के महावाणिज्य दूतावास से प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
18 जून को निज्जर की मौत के बाद कनाडा में पोस्टर युद्ध छिड़ गया है, इसमें भारतीय राजनयिकों और प्रतिष्ठानों को धमकी दी गई है और उनकी मौत के लिए उच्चायुक्त संजय वर्मा और वैंकूवर और टोरंटो में महावाणिज्य दूत को जिम्मेदार ठहराया गया है।
निज्जर की मौत में विदेशी हस्तक्षेप के संबंध को खारिज करते हुए, कनाडा की एकीकृत मानव वध जांच टीम (आईएचआईटी) ने पिछले महीने कहा था कि वे दो ” बंदूकधारियों और एक कार व एक सिल्वर 2008 टोयोटा कैमरी के चालक की तलाश कर रहे हैं।
आयोजकों ने वैंकूवर सन को बताया कि आगामी मतदान का स्थल वही रहेगा, सरे का गुरु नानक सिख गुरुद्वारा जहां निज्जर को गोली मार दी गई थी।
मतदान सरे के एक स्कूल में होना था, लेकिन संबंधित निवासियों द्वारा पोस्टर पर हथियारों की तस्वीरें स्कूल अधिकारियों के ध्यान में लाए जाने के बाद इसे रद्द कर दिया गया।
एसएफजे ने कहा कि इस महीने के जनमत संग्रह में 135,000 से अधिक मतदाता शामिल हुए, जो उसी दिन आया जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो को भारत विरोधी गतिविधियों को जारी रखने के बारे में मजबूत चिंताओं से अवगत कराया।
नई दिल्ली में कड़ा विरोध दर्ज कराने के बावजूद, कनाडा में खालिस्तानी समर्थक भित्तिचित्रों और पोस्टरों के साथ देश भर में भारतीय राजनयिकों और मंदिरों को निशाना बनाकर भारत विरोधी अभियान जारी रखे हैं।
टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी तत्वों द्वारा “किल इंडिया” पोस्टर प्रदर्शित करने की घटनाओं के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि कनाडा स्पष्ट रूप से वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित होकर इन विरोध प्रदर्शनों की अनुमति दे रहा है।
— आईएएनएस