नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023 में श्रमिकों के लिए नौकरियों और मजदूरी में हुई उल्लेखनीय वृद्धि की सराहना की है। एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियों में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और वेतन में 5.5 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में विनिर्माण क्षेत्र रोजगार सृजन के मामले में पावर हाउस बनकर उभरा है।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का विनिर्माण क्षेत्र न केवल फिर से मजबूत हुआ है, बल्कि अब तेजी के साथ फल-फूल रहा है। सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 21 फीसद से अधिक की वृद्धि स्पष्ट संकेत है कि भारत का विनिर्माण क्षेत्र पूरे जोरों पर है।”
दरअसल, विनिर्माण क्षेत्र में राष्ट्रव्यापी रोजगार में जबरदस्त इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2018-19 में कामगारों की संख्या 1.6 करोड़ थी, जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1.9 करोड़ हो गई है। प्रति फैक्ट्री श्रमिकों की संख्या भी वर्ष 2018-19 के 65 फीसद से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 71 फीसद हो गई है।
आंकड़ों के मुताबिक, विनिर्माण क्षेत्र में प्रति श्रमिक मजदूरी में 5.5 फीसद की वृद्धि हुई है। अब श्रमिक औसतन 2.05 लाख रुपये सालाना कमा रहे हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में प्रति श्रमिक मजदूरी 1.69 लाख रुपये थी।
भाजपा शासित राज्य में विनिर्माण क्षेत्र क्रांति का केंद्र बनकर उभरे हैं। यहां उत्पादन और रोजगार दोनों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें सबसे आगे गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं।
गुजरात 17.7 फीसद की हिस्सेदारी के साथ टॉप पर है, जबकि महाराष्ट्र में 14.6 फीसद के साथ दूसरे नंबर पर है। वहीं, भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय विनिर्माण उत्पादन में 7.1 फीसद का योगदान दिया है।
–आईएएनएस