नई दिल्ली : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सी बी आई ने क्यूँ गिरफ्तार किया? आखिर यह आबकारी घोटाला क्या है जिसने मुल्क की राजधानी में राजनीतिक हलचल मचा दी है?
सिसोदिया पर इलज़ाम है की उन्होंने अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) के सियासी फायदे के लिये पुरानी शराब नीति में अनियमितताओं बरती l उन पर “किकबैक” और “कमीशन” के बदले शराब के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ दिलाने क का आरोप लगाया गया है, जिसका कथित रूप से फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनावों में AAP द्वारा उपयोग किया गया था।
इस दास्ताँ की शुरुआत जुलाई 2022 से होती है , जब दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें सिसोदिया पर यह सब आरोप लगाये गए ।
एलजी और सीएम को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, सिसोदिया ने एलजी की मंजूरी के बिना आबकारी नीति में बदलाव किए, जैसे कि टेंडर लाइसेंस शुल्क पर 144.36 करोड़ रुपये की छूट की अनुमति देना। रिपोर्ट में कहा गया है, “आबकारी विभाग ने सिसोदिया के सीधे आदेश के तहत, कोविड महामारी के बहाने, टेंडर लाइसेंस शुल्क पर शराब कार्टेल को अकेले 144.36 करोड़ रुपये की छूट देने का फैसला किया।”
अधिकारियों ने कहा कि अगर किसी नीति में कोई बदलाव किया जाता है जो पहले ही लागू हो चुकी है, तो आबकारी विभाग को उन्हें कैबिनेट के सामने रखना होगा और अंतिम मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजना होगा। कैबिनेट और एल-जी की मंजूरी के बिना किया गया कोई भी बदलाव अवैध है, और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम, 2010 और व्यापार नियम, 1993 का उल्लंघन है।
रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया ने विदेशी शराब की दरों में संशोधन करके और बीयर के प्रति केस 50 रुपये के आयात पास शुल्क को हटाकर शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ दिया। रिपोर्ट के अनुसार, इसने विदेशी शराब और बीयर को खुदरा के लिए सस्ता कर दिया, जिससे सरकारी खजाने को राजस्व का नुकसान हुआ।
लेकिन इस से पहले कि हम आगे बढ़ें पहले हम जाने की आबकारी निति क्या थी
इस पालिसी का प्रस्ताव 2020 में आया और यह नवंबर 2021 में लागू हुआ। दिल्ली को 32 ज़ोन में बांटा किया गया था, जिसमें हर ज़ोन में 27 शराब की दुकानें थीं। इस पॉलिसी के तहत शराब की बिक्री से सरकार का कोई लेना देना नहीं होगा शहर में केवल निजी शराब की दुकानें चलेंगी, और प्रत्येक नगरपालिका वार्ड में 2-3 ठेके होंगे। इसका उद्देश्य शराब माफिया और कालाबाजारी को समाप्त करना, राजस्व में वृद्धि करना और उपभोक्ता अनुभव में सुधार करना और शराब की दुकानों का समान वितरण सुनिश्चित करना था ।
सरकार ने लाइसेंसधारियों के लिए नियमों को लचीला भी बनाया, जैसे उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित एमआरपी पर बेचने के बजाय छूट की पेशकश करने और अपनी कीमतें निर्धारित करने की अनुमति देना। इसके बाद दुकानदारों ने छूट की पेशकश की, जिससे भीड़ उमड़ पड़ी। विपक्ष के विरोध के बाद आबकारी विभाग ने कुछ समय के लिए छूट वापस ले ली।
सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-2022 के संबंध में दायर अपने ऍफ़ आई आर में 15 व्यक्तियों को नामजद किया है, जिसमें सिसोदिया टाप पर हैं। एल-जी के द्वारा जारी एक ज्ञापन में आरोपों का हवाला देते हुए ऍफ़ आई आर में कहा गया है कि सिसोदिया, दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, और दो अन्य आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने “वर्ष 2021 के लिए आबकारी नीति से संबंधित सिफारिश करने और निर्णय लेने में मुख्य रोल अदा किया l
सिसोदिया के ऊपर एक और इलज़ाम है l आप के सियासी विरोधियों के खिलाफ राजनीतिक खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए कथित तौर पर एक ‘फीडबैक यूनिट’ बनाने से संबंधित एक अन्य मामले में भी सीबीआई डिप्टी सीएम की जांच कर रही रही है। 22 फरवरी को गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मामले के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम बयानी एंटी कर्रप्शन एक्ट के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आप और सत्तारूह भा जा पा के बीच सियासी युद्ध अपनी चरम सीमा पर पहोंच गया है.सिसोदिया की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “वह निर्दोष हैं … यह गंदी राजनीति है”। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मनीष की गिरफ्तारी से लोगों में काफी गुस्सा है. हर कोई देख रहा है। जनता सब समझ रही है। लोग इसका जवाब देंगे।”
लगभग आठ घंटे की पूछताछ के बाद रविवार को सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया। सिसोदिया से आबकारी नीति के विभिन्न पहलुओं, दिनेश अरोड़ा और प्राथमिकी में उल्लिखित अन्य अभियुक्तों के साथ उनके कथित संबंध और कई फोन से संदेशों के आदान-प्रदान के विवरण के बारे में पूछताछ की गई थी।
सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि डिप्टी सीएम द्वारा जांच में सहयोग नहीं करने और उनके द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण से बचने के बाद गिरफ्तारी की गई।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘सीबीआई पूरी तरह से केंद्र के इशारे पर है। हम हमेशा से जानते थे कि मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया जाएगा।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट कहा कि उनके पास दिल्ली हाई कोर्ट जाने का रास्ता खुला है।
—इंडिया न्यूज़ इस्ट्रीम