प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में फ्लेक्सिबल वर्किंग आर्स, वर्क फ्रॉम होम, इकोसिस्टम जैसी बातों का जिक्र करने के बाद से ही पूरे देश में नए लेबर कोड नियम लागू होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ऐसा माना भी जा रहा था कि जुलाई से भारत में नए लेबर कोड नियम लागू हो जाएंगे।
ब्रिटेन में तो नए लेबर कोड को तो लागू कर भी दिया गया है। रेबा रियासत डॉट कॉम नामक बेवसाइट के मुताबिक ब्रिटेन में 6 महीने के लिए इस सिस्टम को लागू किया गया है। 6 महीने बाद यदि कर्मचारियों और कंपनियों को इससे लाभ होना दिखाई देगा तो इस कोड को वहां हमेशा के लिए लागू कर दिया जाएगा।
ब्रिटेन की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि इस सिस्टम के लागू होने से वहां के लोग 50 प्रतिशत ज्यादा खुश हैं। वह परिवार को समय दे पा रहे हैं और तनाव कम हुआ है। साथ ही उनका हुनर भी निखर कर आ रहा है।
यूएसए, कनाडा और यूरोप में भी इसका ट्रायल जल्दी ही शुरू होने वाला है।
क्या है नया लेबर कोड नियम
आप लोग भी सुन रहे होंगे कि देश में नये श्रम कानून लाने की तैयारी चल रही है। अगले साल तक यह लागू हो जाएगा। आखिर है क्या ये नई लेबर कोड।
दरसअल दिन-रात कम्पनियों में कर्मचारियों से काम कराना, काम का कोई समय निर्धारित न होना, 12-12 घण्टे काम करना, उसक बाद भी न छुट्टी होना और न परिवार और निजी जिंदगी को समय दे पाना। इससे लगभग हर व्यक्ति तनाव और अवसाद की चपेट में आ रहा है। इसी तनाव को दूर करने के लिए ये नए श्रम कानून लागू करने की तैयारी की जा रही है।
इसके मुताबिक, कर्मचारियों को हफ्ते में 4 दिन 12-12 घन्टे काम करना होगा। यानि 48 घण्टे काम करना होगा और 3 दिन का साप्ताहिक अवकाश रहेगा।
कम होगी इन हेंड सैलेरी
इस कोड के लागू होने के बाद सैलरी का बड़ा हिस्सा पीएफ और ग्रेच्युटी में जमा होगा। इससे हाथ में आने वाली तनख्वाह कम हो जाएगी। इससे रिटायमेंट के समय कर्मी को ज्यादा लाभ होगा, जिससे उसका भविष्य ज्यादा सुरक्षित होगा।
राज्य सरकार के पाले में है गेंद
ऐसा माना जा रहा था कि जुलाई से देश में नए लेबर कानून लागू कर दिए जाएंगे। मगर मानसून सत्र में केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने इन अटकलों पर विराम लग दिया था। उन्होंने कहा कि देश में नए लेबर कोड लागू होने हैं लेकिन इनकी कोई तारीख अभी तय नहीं हुई है।
सरकार चाहती है कि देशभर के सभी राज्यों में ये कोड एक साथ लागू किए जाएं। चूंकि ये मामला राज्यों से जुड़ा है इसलिए वही तय करेंगे कि कब तक वह इस नए कानून को लागू करना चाहते हैं। दरअसल कुछ राज्यों ने इसको लेकर आपत्ति भी जताई है तो वहीं कुछ राज्य इसके लियर नियम बना रहे हैं। बीजेपी शासित सभी राज्यों में ये कोड लागू होने तय हैं।
क्या-क्या होंगे नए कोड के नियम
नए लेबर कोड के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। नव भारतवर्ष साइट के मुताबिकइसमें जहां प्रत्येक कर्मी को 12 घन्टे दिन यानि 48 घण्टे हफ्ते में काम करना है तो करना ही है। इससे न तो कम काम किया जा सकता है और न कोई कंपनी इससे ज्यादा काम करा सकती है। वहीं जहां वर्तमान नियम के हिसाब से सालाना अवकाश लेने के लिए कर्मचारी का 240 दिन काम करना आवश्यक था, वहीं इस नए नियम में इसे घटाकर 180 दिन कर दिया जाएगा। ऐसे ही अभी जब कोई कर्मी नौकरी छोड़ता है तो उसे पूरे सेटलमेंट के लिए कम से कम 45 दिन तक का इंतजार करना पड़ता है। मगर नए नियम लागू होने पर व्यक्ति को दो दिन के अंदर ही पूरा सेटलमेंट पैसा मिल जाएगा।
————– इंडिया न्यूज़ स्ट्रीम