याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा : हिजाब फर्ज है, इसकी अनिवार्यता अदालतें नहीं समझ सकतीं


नई दिल्ली : याचिकाकर्ताओं ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस्लामी धार्मिक ग्रंथ के मुताबिक हिजाब पहनना ‘फर्ज’ (कर्तव्य) है और अदालतें इसकी अनिवार्यता अदालतें नहीं समझ सकतीं। कुछ याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ के समक्ष कहा कि बिजो इमैनुएल मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए एक बार जब यह बताया गया कि हिजाब पहनना एक वास्तविक प्रथा है, तब इसकी अनुमति दी गई थी।

धवन ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष हैरान करने वाला है कि चूंकि न पहनने पर दंड का प्रावधान नहीं है, इसलिए हिजाब अनिवार्य नहीं है।

पीठ ने धवन से सवाल किया कि अगर अदालतें ऐसे मामलों को समझ नहीं सकतीं, तब कोई विवाद पैदा होगा तो कौन सा मंच इसका फैसला करेगा?

धवन ने कहा कहा कि हिजाब पूरे देश में पहना जाता है और जब तक यह वास्तविक और प्रचलित है, इस प्रथा की अनुमति दी जानी चाहिए और इससे धार्मिक पाठ को संदर्भित करने की कोई जरूरत नहीं है।

धवन ने तर्क दिया कि आस्था के सिद्धांतों के अनुसार, यदि कुछ का पालन किया जाता है, तो इसकी अनुमति भी दी जानी चाहिए। अगर इसमें किसी समुदाय की आस्था साबित हो जाती है तो एक न्यायाधीश उस आस्था को स्वीकार करने के लिए बाध्य होता है।

उन्होंने केरल हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कुरान के आदेशों और हदीसों के विश्लेषण से पता चलता है कि सिर ढकना एक ‘फर्ज’ है। पीठ ने पूछा, इसे फर्ज कहने का आधार क्या है?

जस्टिस गुप्ता ने धवन से कहा, “आप चाहते हैं कि हम वो न करें जो केरल हाईकोर्ट ने किया है?”

उन्होंने जवाब दिया, “यदि धार्मिक पाठ की व्याख्या की जाए तो इसका उत्तर मिलेगा कि यह फर्ज है, और यदि यह एक अनुष्ठान है जो प्रचलित है और प्रामाणिक है, तो यह आपके प्रभुत्व में है कि इसकी अनुमति दें।”

धवन ने आगे कहा कि केरल मामले में बोर्ड द्वारा दिया गया तर्क था कि यह 2016 में अखिल भारतीय प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) में कदाचार को रोकने का एक उपाय था, लेकिन कर्नाटक मामले में कोई तर्क नहीं दिया गया था।

उन्होंने कहा कि जब सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने की अनुमति थी, तो यह कहने का आधार क्या था कि कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती?

धवन ने अपनी दलील खत्म करते हुए कहा कि सरकार के आदेश में जिस तरह हिजाब का विरोध किया गया है, उसकर कोई आधार नहीं है। यह अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है और संविधान इसकी अनुमति नहीं देता।

शीर्ष अदालत कर्नाटक हाईकोर्ट के 15 मार्च के फैसले के खिलाफ पांचवें दिन सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया है।

–आईएएनएस

संदेशखाली में नया विरोध प्रदर्शन शुरू, स्थानीय लोगों ने 3 टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के संदेशखाली के कुछ इलाकों में रविवार को नया विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। स्थानीय लोगों ने तीन और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं की तत्काल...

यूएई दौरे पर पीएम मोदी, कहा- ‘हमें प्रवासी भारतीयों पर गर्व है’

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार से यूएई के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो प्रवासी भारतीय की कोशिशों को देखकर अभिभूत हैं। भारतीय प्रवासियों...

सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जीवंत लोकतंत्र को मजबूत किया : पीएम मोदी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट सभागार में शीर्ष अदालत के डायमंड जुबली (हीरक जयंती) समारोह को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि...

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम करने के लिए पहला संशोधन किया गया: पीएम मोदी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संविधान दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस दिन संविधान सभा ने संविधान पारित किया था और यह...

असहमति को दबाया जा रहा है : संविधान दिवस पर खड़गे

नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि भारत का संविधान लोकतंत्र की जीवन रेखा है और आज इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा...

एनएचआरसी ने मणिपुर सरकार को जान गंवाने वाले लोगों को चार सप्ताह के भीतर मुआवजा देने का निर्देश दिया

गुवाहाटी/इम्‍फाल । राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने शुक्रवार को कहा कि आयोग ने मणिपुर सरकार से जान गंवाने वाले लोगों के लंबित मामलों...

यूपी सरकार ने अधिकारियों से कहा, समाचार पत्रों में प्रकाशित ‘नकारात्मक समाचार’ की जांच करें

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली "नकारात्मक खबरों" की जांच करने और मॉनिटरिंग के लिए इसका...

डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने मणिपुर सरकार से उनकी यात्रा में सहयोग का किया आग्रह

नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने रविवार को कहा कि वह यौन उत्पीड़न पीड़िताओं से मिलने के लिए मणिपुर जाएंगी। उन्होंने राज्‍य के मुख्‍यमंत्री...

एससी को संरक्षण देने में बंगाल सरकार की विफलता की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपेंगे: एनसीएससी

कोलकाता : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले में भाजपा बूथ अध्यक्ष की हत्या अनुसूचित जाति,...

भारतीय को गर्भवती सूडानी पत्नी को भारत लाने की अनुमति नहीं, मदद की गुहार

नई दिल्ली : संकटग्रस्त सूडान में एक भारतीय नागरिक को खार्तूम में भारतीय मिशन द्वारा उसके निकासी अनुरोध को तो मंजूर कर लिया गया है, लेकिन सूडानी नागरिक उसकी गर्भवती...

प्रख्यात ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट कल्कि सुब्रमण्यम ने किया समलैंगिक विवाह का समर्थन

चेन्नई : भारतीय ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता, लेखक, चित्रकार, कवि और प्रेरक वक्ता कल्कि सुब्रमण्यम सहोधारी फाउंडेशन की संस्थापक हैं जो ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए काम करता है। उन्होंने देश...

एंडोरा से ताइवान तक, 34 देशों में समलैंगिक विवाह को है मान्यता

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि एक व्यक्ति की यौन प्रकृति जन्मजात है न कि शहरी या अभिजात्य। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी केंद्र सरकार के उस तर्क को खारिज...

admin

Read Previous

गोवा में कांग्रेस के 8 विधायक भाजपा में हुए शामिल

Read Next

कर्नाटक की विशेष अदालत ने येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच का आदेश दिया

Leave a Reply

Your email address will not be published.

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com