वायु गुणवत्ता के नए मानक

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2005 के बाद पहली बार अपने वायु गुणवत्ता मानकों में बदलाव किया है। इसका प्रमुख कारण है वायु प्रदूषण से हो रही मृत्यु की संख्या में बढ़ोतरी। पिछले कुछ वर्षों में वायु प्रदूषण के कारण पूरे विश्व में मृत्यु की संख्या अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है। प्रतिवर्ष लगभग 7000000 (70 लाख) लोगों की मृत्यु वायु प्रदूषण के कारण होती है। अगर हम इस संख्या को मृत्यु के अन्य कारणों से तुलना करें तो पाते हैं कि यह संख्या तंबाकू के कारण होने वाली या पर्याप्त पोषण ना मिलने के कारण होने वाले मृत्यु के संख्या के लगभग बराबर है। यहां तक की वर्ष 2019 के अंत से कोरोनावायरस महामारी के आने के बाद भी 2020-21 में वायु प्रदूषण के कारण होने वाले मृत्यु की संख्या में बहुत कमी नहीं देखी गई।

वायु प्रदूषण के कारण होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने के लिए तथा इसके कारण से होने वाले मृत्यु की संख्या को नियंत्रित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी नई वायु गुणवत्ता मानकों को जारी किया है। यह मानक विश्व स्वास्थ संगठन के 191 सदस्य देशों के लिए हैं। इन मानकों को ध्यान से देखें तो हम पाते हैं कि इसमें सभी 6 महत्वपूर्ण क्लासिकल प्रदूषकों को शामिल किया गया है। यह प्रदूषक हैं, पीएम 2.5, पीएम 10, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड एवं कार्बन मोनोऑक्साइड।

पिछली बार लगभग 16 वर्ष पहले वर्ष 2005 में विश्व स्वास्थ संगठन ने वायु गुणवत्ता मानकों को जारी किया था तब से लेकर अब तक वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर बहुत अध्ययन किए गए हैं पिछले 16 वर्षों में 500 से अधिक शोध पत्र इन विषयों पर प्रकाशित हुए हैं जिसने द्वारा इन प्रदूषकों के मानव शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को और अच्छे तरीके से समझा जा सका है। इसके साथ ही विकासशील एवं अविकसित देशों में वायु प्रदूषण के कारण हो रही स्वास्थ्य समस्याओं तथा मृत्यु में भी लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने नए मानकों को जारी किया इन मांगों को जारी करते हुए संगठन ने कहा है कि यह गुणवत्ता मानक वायु के उस गुणवत्ता को बताते हैं जो हमारे स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए न्यूनतम स्तर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अगर पूरी दुनिया पीएम 2.5 के नए मानकों को लागू करती है तो इसके द्वारा पीएम 2.5 के कारण होने वाले मृत्यु की संख्या में 80% तक की कमी की जा सकती है।

वर्तमान में पीएम 2.5 एक बहुत महत्वपूर्ण वायु प्रदूषण है क्योंकि यह अपने बहुत छोटे आकार के कारण आसानी से ना केवल हमारे से हो तक पहुंच जाता है और हमारे स्वसन तंत्र को प्रभावित करता है बल्कि वहां से आगे बढ़ते हुए या हमारे रक्त संचालन तंत्र के द्वारा शरीर के अन्य अंगों तक पहुंच कर उन्हें भी प्रभावित करता है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड हमारे स्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इसका ज्यादा कंसंट्रेशन मनुष्य में अस्थमा का कारण बन सकता है साथ ही साथ यह सतही ओजोन का निर्माण भी करता है जो स्वास्थ समस्याओं के साथ-साथ अन्य पर्यावरण समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार है। सल्फर डाइऑक्साइड हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और साथ ही एंफिसेमा का कारक बनता है एवं हमारे फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित करता है। कार्बन मोनोऑक्साइड की अधिक मात्रा हमारे लिए जहर की तरह होती है जिसे कारण हमारी मृत्यु भी हो सकती है क्योंकि कार्बन मोनोऑक्साइड की एफिनिटी हीमोग्लोबिन के साथ ऑक्सीजन की तुलना में कहीं ज्यादा है अतः जब या हमारे शरीर तक पहुंचता है तो धीरे-धीरे पूरे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई को प्रभावित करता है जिसके कारण मृत्यु तक हो सकती है। ऐसी स्थिति में इन सभी प्रदूषकों के वातावरण में कंसंट्रेशन को कम करना ही अच्छे स्वास्थ्य को पाने का पहला कदम है।
इन्हीं सब कारणों को ध्यान में रखते हुए संगठन ने नए वायु गुणवत्ता मानकों का निर्धारण किया है। इन मानकों के आधार पर अगर हम वर्तमान में वायु प्रदूषण की स्थिति की तुलना करें तो हम समझ पाएंगे के प्रदूषण की स्थिति कितनी भयावह है यह स्थिति विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं के जन्मदाता है भारत जैसे देशों के लिए और बड़ी समस्या है क्योंकि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष लगभग 3% लोग स्वास्थ्य समस्याओं के कारण गरीबी रेखा से ऊपर नहीं उठ पाते। ऐसी स्थिति में बढ़ता वायु प्रदूषण भारत की जनता के लिए स्वास्थ्य समस्याओं के साथ आर्थिक विषमता एवं समस्याओं को भी बढ़ाता है।

अगर हम वर्तमान भारतीय वायु गुणवत्ता मानकों की तुलना डब्लू एच ओ के नए मानकों से करें तो हम पाते हैं कि हमारे मानक कहीं से भी स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी नहीं है। उदाहरण स्वरूप पीएम 2.5 का नया वार्षिक मानक औसत 5 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है जबकि भारत में 40 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है। ऐसे ही पीएम 10 के लिए डब्लू एच ओ का नया मानक औसत 15 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब वार्षिक है जबकि भारतीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है। इसी प्रकार नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का नया वार्षिक औसत मानक 10 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है जबकि वर्तमान भारतीय मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है, (वास्तव में यहां नाइट्रोजन डाइऑक्साइड भारतीय मानक विश्व स्वास्थ संगठन के 2005 के मानक के अनुरूप है) इसी प्रकार यदि हम सल्फर डाइऑक्साइड के नए और भारतीय मानकों की तुलना करें तो हम पाते हैं कि नए मानक एक बिल्कुल ही नए स्तर को निरूपित करते हैं अर्थात विश्व स्वास्थ संगठन के नए मानकों की तुलना में भारतीय मानक कहीं नहीं ठहरते।

इन मानकों के आधार पर भारत के भी वायु गुणवत्ता मानकों में परिवर्तन करने की आवश्यकता है अन्यथा हम अपने देश में वायु प्रदूषण कारण हो रही स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में समय के अनुसार सक्षम नहीं हो पाएंगे।

डब्ल्यूएचओ के नए मानक हमें यह बताते हैं के अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें अपने वायु की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना होगा और इसके लिए अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाएगा तो हमारा भविष्य अंधकार में हो सकता है।

( लेखक पर्यावरण विषय में स्नातकोत्तर एवं यूजीसी नेट क्वालिफाइड हैं, पर्यावरण विषय पर लगातार विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लिखते रहे हैं, प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए पर्यावरण विज्ञान पढ़ाते हैं। साथही स्वास्थ्य विषय पर काम करने वाली संस्था स्वस्थ भारत न्यास के संस्थापक न्यासी हैं एवं सभ्यता अध्ययन केंद्र से एक अध्ययन के रूप में जुड़े हुए हैं)

दिल्ली के अलीपुर इलाके में गोगी गैंग के सदस्य की गोली मारकर हत्या

नई दिल्ली । दिल्ली के बाहरी इलाके अलीपुर के दयाल मार्केट में सोमवार को कुख्यात गोगी गिरोह के एक कथित सदस्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि एक...

आईआईटी का इको-सिस्टम करेगा सुरक्षा बलों का सहयोग

नई दिल्‍ली । सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा और आईआईटी दिल्ली, मेडिकल के क्षेत्र में एक दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। सेना के साथ आईआईटी दिल्ली का यह सहयोग मेडिकल...

बेगूसराय में गिरिराज सिंह ने किया चुनाव प्रचार, मोदी सरकार की गिनाई उपलब्धियां

बेगूसराय । बिहार के बेगूसराय में लोकसभा चुनाव का मतदान चौथे चरण में 13 मई को होना है। नामांकन दाखिल करने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह लगातार चुनाव प्रचार...

गुजरात में भाजपा को मिली पहली जीत, मुकेश दलाल निर्विरोध जीते

सूरत । गुजरात में बीजेपी का खाता खुल गया है। कांग्रेस कैंडिडेट का पर्चा अयोग्य घोषित होने और सभी निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकन वापस लेने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी...

उत्तराखंड में मतदान के नए आंकड़े हुए जारी, हरिद्वार में बंपर वोटिंग

देहरादून । उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सोमवार को सचिवालय में लोकसभा सामान्य निर्वाचन से संबंधित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि प्रदेश में 19...

बिहार में दूसरे चरण का चुनाव नीतीश के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं

पटना । बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का चुनाव मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं माना जा रहा...

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बंगाल के रायगंज में सीएपीएफ की सबसे अधिक होगी तैनाती

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के रायगंज लोकसभा क्षेत्र में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की सबसे अधिक तैनाती होगी, जहां 26 अप्रैल को दूसरे चरण...

रांची में इंडिया गठबंधन की न्याय उलगुलान महारैली आज, नेताओं-कार्यकर्ताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू

रांची । रांची में रविवार को होने वाली इंडिया गठबंधन की महारैली के लिए नेताओं-कार्यकर्ताओं और समर्थकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की मेजबानी...

यूपी के इस गांव को 76 साल बाद मिला नल का पानी

मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) । उत्तर प्रदेश के एक गांव में पिछले साल अगस्त में गर्मियों में छह वर्षीय शिवांश ने पहली बार पानी में उछल-कूद की और खुशी का अनुभव...

झारखंड में 10वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी, 90.39 फीसदी परीक्षार्थी उत्तीर्ण

रांची । झारखंड में 10वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। परीक्षा में कुल 90.39 फीसदी परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए हैं। झारखंड एकेडमिक काउंसिल के ऑफिस में...

बसपा ने 11 उम्मीदवार किए घोषित, वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ बदला प्रत्याशी

लखनऊ । लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शुक्रवार को 11 उम्मीदवारों की एक और सूची जारी कर दी। बसपा ने वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के...

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की याचिका पर सुनवाई की स्थगित

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को योग गुरु बाबा रामदेव की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के...

editors

Read Previous

अफगानिस्तान में अमेरिका कई मायनों में विफल रहा

Read Next

यूपी के उपमुख्यमंत्री ने दिया दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को न्याय का आश्वासन

Leave a Reply

Your email address will not be published.

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com