राजस्थान की चार खेल प्रतिभाओं ने टोक्यो पैराओलम्पिक में स्वर्ण रजत और कांस्य पदक जीत कमाल का प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली । जापान की राजधानी टोक्यो में हाल ही सम्पन्न हुए पैराओलम्पिक में राजस्थान की चार खेलप्रतिभाओं अवनि लखेरा, कृष्णा नागर, देवेंद्र झाझड़िया और सुन्दर सिंह गुर्जर ने विभिन्न स्पर्धाओं मेंस्वर्ण,.रजत और कांस्य पदक जीत कर कमाल का प्रदर्शन किया और देश एवं प्रदेश का नाम रोशन किया ।
राजस्थान से टोक्यो पैराओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने गए इन खिलाड़ियों की गौरवपूर्णउपलब्धियों से स्टेडियम में कई बार भारतीय तिरंगा लहराया और राष्ट्रगान “जन गण मण… “गूँजने के साथही जय-जय राजस्थान का जय घोष भी हुआ । अवनि लखेरा को भव्य और यादगार समापन समारोह मेंभारतीय ध्वज वाहक बनने का गौरव भी मिला।
स्वर्णिम उपलब्धियां
पैरालंपिक के इतिहास में भारत को मिले अब तक के सबसे अधिक 17 पदकों में राजस्थान की इन खेलप्रतिभाओं ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण,एक रजत और दो ब्रॉन्ज मेडल जीत कर एक नया इतिहासबनाया और भारत की झोली में क़रीब एक तिहाई पाँच पदक डाले। इसमें जयपुर की अवनि लखेरा नेपैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने के साथ ही एक और नया इतिहासभी रचा । अवनि ने किसी एक पैरालंपिक खेलों में एक साथ दो मेडल जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ीबनने का शानदार रिकार्ड भी बनाया। अवनि लखेरा ने 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण (गोल्ड) पदक और 50 मीटर एयर राइफल प्रतिस्पर्धा में कांस्य (ब्रॉन्ज ) पदक जीत कर यादगार उपलब्धियां हासिल की।
इसी प्रकार बैडमिंटन में जयपुर के ही पैरा-एथलीट कृष्णा नागर ने पुरुष सिंगल्स के एसएच 6 इवेंट में गोल्डमेडल जीत भारत के लिए इतिहास रच दिया। एसएच-6 कैटेगरी में वैसे खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनकी लंबाईनहीं बढ़ती। इसके अलावा राजस्थान के दो और खिलाड़ियों देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गर्जुर ने भालाफेंक स्पर्धा (जैवलिन थ्रो) में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत के खाते में रजत और कांस्य के रूप में दो औरमेडल डाले ।
पैरालंपिक में इस बार राजस्थान के छह खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसमें चार को मेडलमिलें लेकिन दुर्भाग्य सन्दीप चौधरी (जैवलिन-थ्रो ) और श्याम सुन्दर (तीरन्दाज़ी-आर्चेरी) को अपने बेहतरीनप्रयासों के बावजूद कोई पदक नही मिल पाया।
*राजस्थान सरकार ने की नगद पुरस्कारों की घोषणा*
राजस्थान सरकार ने स्वर्ण जीतने वाले दोनों खिलाड़ियों अवनि लखेरा और कृष्णा नागर को तीन तीन करोड़, देवेंद्र झाझड़िया को रजत जीतने पर दो करोड़ और सुन्दर सिंह गुर्जर को कांस्य पदक जीतने पर एक करोड़की राशि इनाम स्वरुप प्रदान करने की घोषणा की । राज्य सरकार ने अवनि लखेरा को हाथों हाथ ‘‘बेटीबचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ कार्यक्रम की राज्य ब्रांड एम्बेसेडर भी मनोनीत कर दिया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों ने टोक्यो पैराओलम्पिक में पदक जीतकर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया है, हमें उन पर बेहद गर्व है । उन्होंने बताया कि पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में सेतीन को पहले से ही राज्य सरकार के वन विभाग में एसीएफ के पद पर नियुक्ति प्रदान कर सम्मानित कियाहै।
*राष्ट्रपति ,उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी बधाई*
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उप राष्ट्रपति एम वैंक्या नायडू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुरसहित देश की नामी गरामी हस्तियों ने पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिलाअवनि लखेरा, पुरुष सिंगल्स के एसएच 6 इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले कृष्णा नागर के साथ ही भाला फेंकस्पर्धा में देवेंद्र झाझड़िया को रजत और सुन्दर सिंह गुर्जर को कांस्य पदक जीतने की शानदार उपलब्धि औरअभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए हार्दिक बधाई दी।
*अवनि लखेरा का शानदार खेल*
जयपुर के शास्त्री नगर की निवासी और राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में विधि महाविद्यालय केपंचवर्षीय कोर्स में द्वितीय वितीय वर्ष की छात्रा अवनि लखेरा का जयपुर से टोक्यो तक का सफर काफीसंघर्ष भरा है लेकिन उसने कभी हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत कर एवं सभी बाधाओं को पार कर बुलंदी पर पहुँची।
वर्ष 2012 में महाशिवरात्रि के दिन अवनि एक रोड एक्सीडेंट के कारण कमर के नीचे लकवा (पैरालिसिस )सेपीड़ित हो गई।