सयुक्त राष्ट्र : यूक्रेन से जुड़े संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में रूस के एक प्रस्ताव पर वोटिंग करने से भारत ने परहेज किया है।
केवल चीन ने बुधवार को रूस के साथ उस प्रस्ताव पर मतदान किया। प्रस्ताव में मॉस्को ने अमेरिका और यूक्रेन पर बायोलॉजिकल वीपन्स कन्वेंशन (बीडब्ल्यूसी) के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
सभी 10 गैर-स्थायी सदस्यों ने भाग नहीं लिया और अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने नेगेटिव वोटिंग की। प्रस्ताव पास नहीं हो सका क्योंकि न्यूनतम नौ वोट चाहिए थे जो नहीं मिले।
भारत के स्टैंड पर काउंसलर अशोकन अमरनाथ ने कहा कि सत्यापन तंत्र के अभाव के बिना बीडब्ल्यूसी के कार्यक्रम को लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि मौजूदा स्थिति सत्यापन के लिए इस तरह के प्रोटोकॉल पर जल्द विचार और बातचीत के लिए एक प्रोत्साहन प्रदान करेगी।”
भारत उन 184 हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक है जो जैविक हथियारों के उपयोग, निर्माण, वितरण और भंडारण पर प्रतिबंध लगाते हैं।
यह कम से कम 11वीं बार था जब भारत ने सुरक्षा परिषद और यूक्रेन से जुड़ी महासभा में एक ठोस प्रस्ताव पर भाग नहीं लिया।
अमरनाथ ने बीडब्ल्यूसी अनुच्छेद 10 के महत्व पर जोर दिया जो राष्ट्रों को अनुसंधान में भाग लेने और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए जैविक जानकारी, सामग्री और उपकरण साझा करने का अधिकार देता है।
उन्होंने कहा कि भारत ‘इस बात को रेखांकित करता है कि शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए जैविक-संबंधित गतिविधियां जो पूरी तरह से कन्वेंशन के दायित्वों के अनुरूप हैं, उन्हें कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।’
रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन की प्रयोगशालाओं में अमेरिकी फंडिंग और मदद से जैविक हथियार विकसित किए जा रहे हैं। पिछले हफ्ते इसने आरोपों को रेखांकित करते हुए 300 से अधिक पृष्ठों का एक डोजियर प्रसारित किया था।
–आईएएनएस