मुम्बई। “नैनों में दर्पण दर्पण में तू” जैसी लोकप्रिय फिल्मी गीत लिखनेवाली सत्तर के दशक की मशहूर गीतकार माया गोविंद का आज सुबह मुंबई में एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 82 वर्ष की थी। उनके परिवार में पति राम गोविंद के अलावा उनका एक बेटा भी है।
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मी श्रीमती माया गोविंद पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी और उनकी हालत नाजुक हो गई थी। उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां सुबह साढ़े नौ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
17 जनवरी 1940 में जन्मी माया गोविंद मंच की लोकप्रिय कवयित्री और रंगकर्मी थी। वह 1972 में मुंबई आई थी और उन्होंने उस जमाने में कई चर्चित फिल्मों के गीत भी लिखे थे। उन्हें पहला ब्रेक 1973 में भूपेन हजारिका की फ़िल्म “आरोप “में मिला था। उन्होंने मकबूल फिदा हुसैन की फ़िल्म” गजगामिनी” के लिए चार गीत लिखे थे। दलाल रजिया सुल्तान कैदी सावन को आने दो जैसी फिल्मों के लिए उन्होंने गीत लिखे थे।
उन्हें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक एकेडमी का पुरस्कार मिला था। श्रीमती माया गोविंद अपने समय की एकमात्र महिला गीतकार थी। उनके 10 से अधिक कविता संग्रह छपे थे और उन्हें कई पुरस्कार भी मिले थे। वह प्रख्यात नर्तक शम्भू महाराज की शिष्या भी थीं