नई दिल्ली । केंद्र सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने जून 2024 तक कुल 5.84 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं। प्रत्यक्ष नौकरियों का यह डेटा अगले पांच वर्षों में 14 क्षेत्रों में बनाए जाने वाले कुल 16.2 लाख प्रत्यक्ष नौकरियों का लगभग 36 प्रतिशत है। यह जानकारी विभिन्न मंत्रालयों से आरटीआई के जवाब में सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोबाइल फोन, फूड प्रोसेसिंग और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों ने मजबूत प्रदर्शन किया है, क्योंकि इन तीनों ही क्षेत्रों में कुल सृजित नौकरियों का 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है।
भारत सरकार की पीएलआई योजना को लेकर अप्रैल 2020 में घोषणा की गई थी। इस योजना को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के नाम से जाना जाता है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के साथ आयात पर निर्भरता को कम करना है। इसके अलावा, इस योजना के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में वर्कफोर्स खोजने और रोजगार पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के तहत उन पात्र कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाता है, जो उत्पादन और निवेश लक्ष्यों को पूरा करती हैं। शुरुआत में इस योजना को इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए लाया गया था, धीरे-धीरे योजना के तहत फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल्स, ऑटोमोटिव और रिन्यूएबल एनर्जी सहित कई उद्योगों को कवर किया जा रहा है।
सरकार की यह योजना निवेश को आकर्षित कर, निर्यात बढ़ाने और रोजगार पैदा करने को लेकर अहम है। इस योजना के साथ भारत की वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की स्थिति मजबूत हो रही है। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को लेकर पीएलआई योजना का लक्ष्य 2026-27 तक 2.5 लाख नौकरियां पैदा करना है, जिसके तहत जून 2024 तक 2.45 लाख नौकरियां पैदा हो चुकी हैं। इसके अलावा, पिछले दिनों मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी सरकारी पहलों से प्रेरित, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा (ईएमएस) क्षेत्र वित्त वर्ष 2022 में 1.46 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2027 में 6 लाख करोड़ रुपये हो जाने की संभावना है।
–आईएएनएस