बेंगलुरु: कर्नाटक सेक्स सीडी मामले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सौमेंदु मुखर्जी ने उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि मामले की दोबारा जांच की जरूरत नहीं है। सेक्स सीडी मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने और उच्च न्यायालय द्वारा जांच की निगरानी की मांग वाली याचिका पर विचार करते हुए मुख्य न्यायाधीश ए.एस.ओका की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले की गुरुवार को जानकारी दी।
अदालत ने जांच अधिकारी की अनुपस्थिति में जांच रिपोर्ट जमा करने पर आपत्ति जताई थी। पीठ ने फिर कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए जांच के लिए नियुक्त किया जाता है। अदालत ने कहा, “अगर कोई वरिष्ठ छुट्टी पर जाता है, तो उचित जांच कैसे संभव है।”
हालांकि, सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता (एजी) प्रभुलिंग नवादगी ने अदालत को सूचित किया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) के एक जांच अधिकारी की अनुपस्थिति में की गई जांच अनुचित नहीं होगी।
उच्च न्यायालय ने तर्क पर विचार करते हुए कहा कि, “एजी ने कहा कि जांच अधिकारी की अनुपस्थिति में भी जांच में कोई कमी नहीं होगी, याचिका में एसआईटी के गठन पर सवाल उठाया गया था और यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या उचित जांच की गई थी। पीठ ने कहा कि इन सभी मामलों पर गौर करने की जरूरत है।”
तीन महीने से सेक्स सीडी मामले की जांच कर रही एसआईटी प्रमुख की गैर मौजूदगी में जांच हुई। सौमेंदु मुखर्जी ने जांच नहीं सौंपी, उन्होंने केवल रिपोर्ट पेश करने का काम अदालत को सौंप दिया। पीठ ने कहा कि मुखर्जी ने जमा करने से पहले जांच रिपोर्ट का सत्यापन किया होगा।
अदालत ने मुखर्जी को मामले की अंतिम रिपोर्ट की पुष्टि के बाद हलफनामा दाखिल करने के बाद अदालत में वापस आने के लिए भी कहा था। हालांकि मुखर्जी ने अपने वकील के जरिए अदालत को बताया कि मामले की दोबारा जांच की जरूरत नहीं है। अदालत ने मामले को 3 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया और एसआईटी को अभी अंतिम रिपोर्ट जमा नहीं करने का निर्देश दिया है।
–आईएएनएस