नई दिल्लीः एक पंजाबी गीत दो हफ्ते में तेजी से वायरल हो रहा है और उसको सुनने वालों की संख्या भी लाखों में पहुंच रही है। यह गीत सिद्धू मूसेवाला ने वाजिर रैपर के साथ मिलकर 15 मई को रिलीज किया था, शायद उस वक्त उन्हें नहीं पता था कि यह उनकी जिंदगी का आखिरी गीत है और इस गीत के बोल सच होने वाले हैं। यह गीत था “ओह चौबर दे चेहरे उत्ते नूर दसदां नी, एहदा उठेगा जवानी विच जनाजा मिठ्ठिये” और जिदगी का खेल देखिए कि महज, दो सप्ताह बाद ही सिद्धू मूसेवाला की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई।
डीएमसी में दाखिल गुरविंदर ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला रविवार को अपनी बीमार मौसी का हाल जानने के लिए अपने गांव से निकले थे। जैसे ही मानसा के गांव जवाहरके में पहुंचे तो उनकी हत्या कर दी गई। गोली लगने से घायल गुरविंदर सिंह ने कहा कि मैं गाड़ी में पीछे और दूसरा दोस्तउ गुरप्रीत सिंह उनके साथ वाली सीट पर बैठा था।
गुरविंदर सिंह ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला की मौसी बीमार थी। वह अचानक उनका हालचाल लेने जाने के लिए तैयार हो गया। गाड़ी में पांच लोगों के बैठने की जगह नहीं थी, इसलिए उन्हों ने अपने सुरक्षा कर्मियों को साथ नहीं बैठाया। गुरविंदर सिंह के अनुसार जैसे ही वह गांव से कुछ दूर पहुंचे तो सबसे पहले उनके पीछे से एक फायर हुआ। इतने में एक गाड़ी उनके आगे आकर रुक गई। तभी एक युवक गाड़ी के सामने आया और उसने कई गोलियां चलाईं।