नई दिल्ली । सिद्धांत चतुर्वेदी फिल्म ‘युध्रा’ में युध्रा नाम के एक युवक का किरदार निभा रहे हैं। इसमें उनका किरदार गुस्से से भरा है और वह अपने जीवन में जोखिम उठाना पसंद करता है।
सिद्धांत चतुर्वेदी के ‘युध्रा’ किरदार के माता-पिता का उसके जन्म से पहले ही एक्सीडेंट हो जाता है। लेकिन, वह सौभाग्य से बच जाता है। हालांकि, जब उसे पता चलता है कि उसके माता-पिता की हत्या की गई है, तो हालात और भी खराब हो जाते हैं।
बदला लेने की भावना से प्रेरित होकर वह अपने मारे गए माता-पिता के लिए एक शक्तिशाली कार्टेल में शामिल होकर सच्चाई का पता लगाते हुए देश के ड्रग लॉर्ड को मिटाने के मिशन पर निकल पड़ता है। उसका एक ऐसे इंंसान ने पालन पोषण किया है जो खुद भी गुस्से और दर्द से जूझ रहा था। अब वह भी उसी गुस्से का शिकार है।
फिल्म में ‘युध्रा’ का मिशन उसे मिलिटरी स्कूल, जेल और अंततः कार्टेल के ऑपरेशन्स के केंद्र में ले जाता है। जैसे-जैसे वह अपने लक्ष्य के करीब पहुंचता है, ‘युध्रा’ को विश्वासघात, छल और अपने अतीत के बारे में एक काली सच्चाई का सामना करना पड़ता है, जो उसकी क्षमताओं की परीक्षा लेती है।
अभिनय :- सिद्धांत चतुर्वेदी ने ‘युध्रा’ के रूप में शानदार परफॉर्मेंस दी है। उनके किरदार के फिजिकल और इमोशनल उथल-पुथल दोनों को बखूबी दिखाया गया है। सिद्धांत को अपनी भूमिकाओं के साथ प्रयोग करना पसंद है। ‘इनसाइड एज’ में डरपोक क्रिकेटर प्रशांत कनौजिया हों या ‘गली बॉय’ में निडर रैपर, सिद्धांत हर भूमिका में निखर कर आते हैं और यह कोई अपवाद नहीं है। अपने रोमांटिक दृश्यों से लेकर अपने साहसी स्टंट तक, सिद्धांत ने ‘युध्रा’ में अपने प्रदर्शन से दिल जीत लिया है।
निर्देशन और पटकथा :- ‘युध्रा’ के निर्देशक रवि उदयवार ने एक दमदार फिल्म दी है, जो आपको रोमांच से भर देगी। उनका निर्देशन बेहद दमदार है, जो आपको पूरी तरह से कहानी में डुबो देता है। एक्शन सीक्वेंस को अच्छी तरह से पर्दे पर उतारा गया है। सिद्धांत चतुर्वेदी ने इसमें एक्शन सीन्स के खतरनाक और रोमांचक पलों को बहुत बेहतर तरीके से दिखाया है। मिलिटरी स्कूल, जेल और आपराधिक अंडरवर्ल्ड में उनकी यात्रा भरपूर एक्शन और रहस्य प्रदान करती है। हालांकि, रवि फिल्म की कहानी की परतों को समझते हुए सभी प्रमुख बिंदुओं के साथ खेलने में कामयाब रहे।
फिल्म एक्शन कोरियोग्राफी में बेहतरीन है, जिसमें शानदार एक्शन सीन्स के साथ दमदार कहानी इसे एक अलग पहचान देती है। फिल्म दर्शकों को बांधे रखने में भी कामयाब रही है। जब युध्रा अपने माता-पिता की मौत के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के करीब पहुंचता है, तो इस सीन्स को पर्दे पर जबरदस्त तरीके से उतारा गया है। ‘मॉम’ में अपने काम के लिए मशहूर निर्देशक रवि उदयवार का फिल्म में दमदार काम देखा जा सकता है। फिल्म के एक्शन सीन जबरदस्त हैं। वहीं, यह डार्क और मूडी सिनेमैटोग्राफी से और भी खास हो जाते हैं।
हालांकि, ‘युध्रा’ एक्शन में बेहतरीन है, लेकिन इसकी कहानी कहीं न कहीं बीच में कमजाेर पड़ जाती है। कहानी शुरू में मनोरंजक होने के बाद में आम कहानियों जैसी ही दिखाई पड़ती है। फिल्म के अंतिम दृश्य में युध्रा के अतीत के बारे में एक नया खुलासा होता है, लेकिन यह उतना प्रभावी नहीं होता क्योंकि कहानी के अच्छी तरह से विकसित नहीं होने के कारण यह कुछ हद तक फीका पड़ जाता है।
सिद्धांत के अलावा फिल्म में राम कपूर ने रहमान के रूप में बेहतर प्रदर्शन दिया है। वह अपने किरदार में एक अलग स्तर की गंभीरता लाते हैं जो आपको उन्हें देखने के लिए उत्साहित करती है।
मालविका मोहनन ‘युध्रा’ में निखत की भूमिका निभा रही हैं। फिल्म में उनका किरदार बेहद मजबूत दिखाया गया है। मालविका मोहनन की यह पहली बड़ी हिंदी फिल्म है, जिसमें उन्होंने अपना बेहतर काम दिखाया है। वह अपने किरदार में बहुत ताकत और शक्ति लेकर आती हैं। इस फिल्म में राघव जुयाल सहायक भूमिका में हैं, जो फिल्म को और बेहतर बनाती है। अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए मशहूर जुयाल ने यहां अपने गंभीर किरदार से दर्शकों को आश्चर्यचकित किया है। हालांकि, उनका स्क्रीन टाइम सीमित है, लेकिन वह अपने किरदार में खूब जचते हैं। कार्तिक के रूप में गजराज राव एक और असाधारण अभिनेता हैं जो बिना किसी परेशानी के किरदार में ढल जाते हैं। वह हर किरदार को इतना सहज बना देते हैं कि आप उनके अभिनय का हर पल आनंद लेते हैं और यही हमें ‘युध्रा’ में देखने को मिला।
निष्कर्ष :- ‘युध्रा’ एक बेहतरीन सिनेमाई अनुभव प्रदान करती है। फिल्म अपने एक्शन दृश्यों के कारण शानदार है। सिद्धांत चतुर्वेदी और राघव जुयाल के कमांडिंग अभिनय ने इसे एक आम बदला लेने वाली कहानी से कहीं आगे पहुंचा दिया है। यह गंभीर, एक्शन से प्रेरित सिनेमा के प्रशंसकों के लिए एक मनोरंजक फिल्म है।
फिल्म :- ‘युध्रा’
मुख्य कलाकार :- सिद्धांत चतुर्वेदी, राघव जुयाल, मालविका मोहनन, गजराज राव, राम कपूर और राज अर्जुन
निर्देशक -: रवि उदयवार
रेटिंग :- ****
अवधि :- 142 मिनट
कहाँ देखें :- थिएटर
–आईएएनएस