नई दिल्ली: राष्ट्र निर्माण के बुनियादी मूल्यों के साथ काम करने वाली भारत की अग्रणी स्ट्रैटेजी कंपनी प्राइमस पार्टनर्स ने एसोचैम के सहयोग में फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजीज सेमिनार में ‘फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजीज: इज़ इंडिया रेडी?’ शीर्षक वाली रिपोर्ट का अनावरण किया। पश्चिम बंगाल के डिपार्टमेंट ऑफ आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के सचिव और डब्ल्यूबीईएल के प्रबंध निदेशक श्री रणधीर कुमार की मौजूदगी में कोलकाता में एसोचैम द्वारा आयोजित सेमिनार में इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया।
इस रिपोर्ट के अंतर्गत, प्राइमस पार्टनर्स और एसोचैम ने एक सर्वेक्षण किया जहां सर्वे में शामिल 90% ने इस बात पर सहमति जताई कि आने वाले समय में भारत के लिए भविष्य की टेक्नोलॉजीज महत्वपूर्ण होंगी। वहीं 79% ने माना कि इस क्षेत्र के विकास के लिए बीएफएसआई, हेल्थकेयर, रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग पर पड़ने वाला व्यापक प्रभाव इन टेक्नोलॉजीज को अपनाने में तेजी और इसके इस्तेमाल में गति को बढ़ावा देगा।
इस रिपोर्ट में सरकारी नीतियों और नए जमाने की डिजिटल टेक्नोलॉजीज जैसे ब्लॉकचेन, एआई/एमएल, वेब 3.0, क्लाउड और मेटावर्स को एकीकृत करने के लिए व्यापक विश्लेषण और सिफारिशों का उल्लेख किया गया है ताकि नए अनुभवों और व्यापार के संचालन के बेहतर तरीकों के लिए रणनीतियों को फिर से तैयार किया जा सके। इन नए जमाने की टेक्नोलॉजीज को अपनाने का प्रभाव क्रांतिकारी बदलावों वाला होगा और इसका आम जनता पर व्यापक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भारत भर से सर्वेक्षण में शामिल 97% ने माना कि भविष्य की टेक्नोलॉजीज जीवन को आसान बनाते हुए समय और लागत की बचत करेंगी।
प्राइमस पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक देवरूप धर ने रिपोर्ट पर अपने विचारों को साझा करते हुए कहा, “वेब 3.0 डोमेन में 450 से अधिक सक्रिय स्टार्ट-अप के साथ, यह क्षेत्र भारत में लगातार तेजी से बढ़ रहा है। हमें अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए वेब कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट सिटी, ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजीज की योजना बनाने, उन्हें लागू करने और तैयार करने की आवश्यकता होगी। ये टेक्नोलॉजीज भी तेज और कुशल शासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएंगी। हमारे द्वारा किए गए सर्वेक्षण में 93% ने माना कि नागरिक सेवा वितरण के लिए भविष्य की तकनीकों को अपनाना सरकारों के लिए जरूरी है। इस प्रक्रिया को बाद में परिवार आईडी के आधार पर पसंद-आधारित सक्रिय सेवा वितरण मॉडल के लिए बढ़ाया जा सकता है। 5जी के आने से इसकी उच्च बैंडविड्थ, कम विलंबता और अत्यधिक विश्वसनीय संचार प्रणाली को देखते हुए इन तकनीकियों के लिए भारत की अनुकूलन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।”
टेक्नोलॉजीज की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के माध्यम से विकास को बढ़ावा देने वाले उपभोक्ताओं और सरकारों की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए, एसोचैम के वरिष्ठ निदेशक – पूर्व और उत्तर पूर्व और आयुष और प्रारंभिक बाल शिक्षा पर राष्ट्रीय कार्य बल के राष्ट्रीय समन्वयक, परमिंदर जीत कौर ने कहा, “उपभोक्ता के तौर पर टेक्नोलॉजी आधारित नवाचारों को अपनाते हुए और टेक इनेबलर्स को अनुकूलित व बेहतर अनुभवों के लिए अधिक डेटा को एकत्रित करने की अनुमति देते हुए हमने उपभोक्ता के तौर पर इन टेक्नोलॉजीज के प्रभाव को अधिकतम करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत आज चौथी औद्योगिक क्रांति के बाद के युग में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए बेहतर स्थिति में है, जो दुनिया की सबसे युवा श्रम शक्तियों में से एक और तकनीकी योग्यता का महत्वपूर्ण स्रोत है। नियामकीय ढांचे के सही संयोजन के साथ, भारत इस तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सकता है।”
पिछले दस वर्षों में, टेक्नोलॉजी ने अविश्वसनीय प्रगति की है जो अभी भी हमारी दुनिया को बदल रही है। आज, यह सभी संभावित भविष्य के विकास की बुनियाद के रूप में कार्य करता है और एक अधिक समावेशी और स्थायी समाज के निर्माण को सक्षम बनाता है। 27 वर्ष से कम आयु के भारत की 50% से अधिक आबादी के साथ, इन गतिशील उद्योगों में पनपने के लिए देश के युवाओं के कौशल सुधार और प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों को तैयार करने के लिए संस्थानों और उद्योगों के बीच सहयोग की महत्वपूर्ण जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।