नई दिल्ली: उरी और आसपास के इलाकों में आतंकवादियों के सेना के ठिकानों और सरकारी भवनों पर हमले की साजिश की ताजा खुफिया सूचना के बाद इन प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और उन्हें हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने ताजा खुफिया इनपुट के हवाले से कहा है कि कुछ अंडरग्राउंड आतंकवादी इस सेक्टर या आसपास के इलाकों में सेना के ठिकानों, चौकियों या सरकारी इमारतों को निशाना बना सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सेना के अधिकारियों को उरी और आसपास के इलाकों में सैन्य प्रतिष्ठानों के पास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने, हाई अलर्ट पर रहने और परिधीय सुरक्षा को मजबूत करने के साथ ही पर्याप्त संख्या में संतरी (निगरानी रखने वाले कर्मी) रखने के लिए कहा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि महत्वपूर्ण सरकारी भवनों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की जानी है।
जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने यह भी कहा कि उरी सेक्टर में पिछले तीन दिनों से आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए गहन तलाशी अभियान के बावजूद, फरार आतंकवादी ट्रेसलेस हैं, जो सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि प्रशासन ने तीन दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट को निलंबित कर दिया है, ताकि ये आतंकवादी अपने स्थानीय संचालकों से संपर्क न कर सकें। इसके साथ ही नागरिकों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन अभी तक कुछ भी सामने नहीं आया है। अब यह माना जा रहा है कि उन्हें स्थानीय संचालकों का समर्थन प्राप्त हो सकता है, जिन्होंने कुछ समय के लिए छिपने के लिए एक सुरक्षित स्थान की व्यवस्था कर रखी हो सकती है।
18 सितंबर को, सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्क किया था कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के छह आतंकवादी भारी मात्रा में हथियारों और गोला-बारूद के साथ उरी सेक्टर में भारतीय क्षेत्र में घुस आए हैं।
अधिकारियों, जो परिचालन के घटनाक्रम से अवगत थे, उन्होंने यह भी पुष्टि की कि सेना के पास यह भी इनपुट है कि घुसपैठियों का एक नया समूह सीमा पर गवाहलन गांव के माध्यम से उरी में घुस गया है, जिसका इस्तेमाल पहले पाकिस्तानी आतंकवादियों ने सितंबर 2016 में उरी में सैन्य अड्डे पर हमला करने के लिए किया था।
–आईएएनएस